स्वतन्त्रता दिवस से ठीक पहले, PETA इंडिया के अनुरोध पर ‘भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड’ ने नयी एडवाइजरी जारी कर पंछियों को बंदी बनाए जाने पर रोक लगाई

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PETA इंडिया द्वारा की गयी अपील के बाद केंद्र सरकार की वैधानिक संस्था ‘भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड’ (AWBI) ने सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश जारी करते हुए प्रतिबंध सुनिश्चित करने की सलाह दी है। बोर्ड द्वारा जारी के गयी एडवाइजरी में गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा पारित किए गए निर्णय एवं दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा दिये गए एक आदेश का संदर्भ भी दिया गया है जिसमे यह कहा गया था की ‘आसमान में आज़ाद उड़ना पक्षियों का मौलिक अधिकार है इसलिए पक्षियों को पिंजरों में बंद रखने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए’।

अपनी एडवाइजरी में AWBI ने सर्वोच्च न्यायालय के वर्ष 2014 के उस फैंसले का भी जिक्र किया है जिसमे कहा गया था की आसमान में आज़ाद उड़ना पक्षियों का मौलिक अधिकार है और इसमे सम्मान के साथ जीने का अधिकार भी शामिल है। AWBI ने 2011 और 2013 में भी इसी मामले पर जारी की गयी अपनी पूर्व की सलाहों का भी उल्लेख किया है।

पक्षियों को पिंजरों में बंद करना ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960’ का उलंघन है जिसमे कहा गया है कि किसी भी जानवर को किसी पिंजरे में बंद करना या किसी ऐसे स्थान में कैद रखना जो उसकी ऊंचाई, लंबाई व चौड़ाई के अनुसार पर्याप्त नहीं है व जहां वह जानवर या पक्षी ठीक से मूमेंट भी न कर पाये वह गैरकानूनी है। पक्षियों के लिए हवा में उड़ना उनका प्रकर्तिक स्वभाव है। इसके अलावा ‘वन्यजीव संरक्षण कानून 1972 के तहत देशी पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों के पकड़ने, पिंजरों में कैद करके रखने और उनकी खरीद फ़रोक्त करने पर भी रोक है और इसका पालन ना करने पर 3 साल तक कैद और 25000 रुपये जुर्माना या फिर दोनों की सजा का प्रावधान है। PETA इंडिया ने AWBI को भेजे अपने पत्र में उनसे अनुरोध किया है कि वह केंद्र सरकार को सलाह दे कि वो पक्षियों को कैद करने पर प्रतिबंध लगाए व PCA अधिनियम में संशोधन कर पक्षियों को अपने मनोरंजन हेतु घरों में कैद करके रखने, उनका व्यापार करने व किसी भी अन्य तरह से उनके इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगाए।

अपने प्रकर्तिक जीवन में यह पक्षी अनेकों तरह की सामाजिक गतिविधियों में लीन रहते हैं जैसे कि रेत में नहाना, लुका छुपी खेलना, नाचना, साथी दोस्तों के साथ मिलकर घोंसले बनाना व अपने नन्हें बच्चों की परवरिश करना। लेकिन जब इन पक्षियों को पिंजरों में कैद कर लिया जाता है तो यह खुशदिल पक्षी उदास व निराश हो जाते हैं। वह तनाव के चलते खुद को चोटिल कर लेते हैं। बहुत से लोग इन पक्षियों के पर कुतर देते हैं ताकि वह आसमान में ना उड़ सकें हालांकि पक्षियों के लिए उड़ना उतना ही जरूरी है जितना कि इन्सानों के लिए चलना फिरना।

मशहूर हस्तियों जैसे जॉन अब्राहम, प्रिया आनंद, उस्ताद अमजद आली खान, अयान अली खान एवं अमान अली खान ने भी अपने प्रशंसकों से अनुरोध किया है कि वे कभी भी इन पक्षियों को पिंजरों में कैद करके उन्हें अकेलेपन की जिंदगी जीने के लिए मजबूर न करें।

इससे पहले अरुणाचल प्रदेश, चंडीगड, दादर एवं नगर हवेली, फ़रीदाबाद, गौतम बुद्ध नगर, हरियाणा एवं सिक्किम के अधिकारियों ने पक्षियों को कैद किए जाने के खिलाफ आदेश जारी किया है।

 

आप भी इस प्रकार से मदद कर सकते हैं

  • पिंजरों में बंद पक्षियों को न खरीदें
  • अगर आपके पास कोई पक्षी है और उसे एक अच्छा जीवन देने के लिए आप किसी पशु अधिकार संस्था या वन विभाग की मदद से उसे आज़ाद कर सकते हैं या फिर किसी सेंक्चुरी में भेज दें।