अमृतसर पुलिस, PETA इंडिया एवं आश्रय फाउंडेशन ने शादियों में इस्तेमाल होने वाले घोड़ों को नियंत्रित करने वाली 100 से अधिक जब्त की गयी काँटेदार लगामों का प्रदर्शन किया
स्थानीय पुलिस, PETA इंडिया एवं आश्रय फाउंडेशन ने पुलिस कार्यवाही करके जब्त की गयी उन काँटेदार लगामों को प्रदर्शित किया जिन्हें घोड़ों को नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही साथ शादी विवाह जैसे विशेष आयोजनों पर जानवरों को शामिल किए बिना जश्न मनाने का आह्वान किया जाता है। इन काँटेदार लगामों को ख़ासतौर पर जानवरों के मुंह में पहनाकर उनको पीड़ित करने के लिए बनाया जाता है जो कि “पशु क्रूरता निवारण – ड्रोट एवं पैक नियम 1965” के नियम 8 का स्पष्ट उल्लंघन है। इस से पहले चंडीगढ़, दिल्ली, महाराष्ट्र, मोहाली, एवं पंचकुला में भी PETA इंडिया ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर पुलिस अभियान चलाकर इन क्षेत्रों से 500 से अधिक काँटेदार लगामों को जब्त किया था। चंडीगढ़, मोहाली एवं पंचकुला में इस अभियान में ‘पीडु पीपुल’ ने सहायता की।
PETA इंडिया कई राज्यों में किए गए सर्वेक्षण के नतीजों के परिणामस्वरूप एक देशव्यापी अभियान चलाकर पुलिस की काँटेदार लगामों पर लगाए गए प्रतिबंध को लागू करने में सहायता कर रहा है। PETA इंडिया द्वारा संपर्क किए जाने के बाद, असम, बिहार, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश सहित कई अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने भी इस प्रतिबंध को लागू करने के आदेश जारी किए। PETA इंडिया द्वारा न केवल अवैध रूप से इस्तेमाल किए गए उपकरणों की तलाश करके उन्हें जब्त करने के लिए अभियान चलाया गया, बल्कि हम इस दिशा में कडा कानून बनाए जाने के लिए भी प्रयास कर रहे हैं जो इस प्रकार के यातना उपकरणों के निर्माण करने जैसी खामियों पर रोक लगा सके।
घोड़ों पर इस गैरकानूनी लगाम के इस्तेमाल को रुकवाने में हमारी मदद करें