आंध्र प्रदेश पुलिस ने डांस के दौरान मुर्गी का सिर काटकर उसकी बर्बर हत्या के मामले में FIR दर्ज की गई

Posted on by Erika Goyal

एक वीडियो के माध्यम से यह जानकारी प्राप्त होने के बाद कि एक व्यक्ति द्वारा नृत्य प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक रूप से, अपने दांतों से मुर्गी का सिर जानबूझकर काटकर उसकी बर्बर हत्या कर दी गयी, PETA इंडिया द्वारा अनाकापल्ली जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर इस कार्यक्रम के आयोजकों और कलाकार के खिलाफ़ FIR दर्ज़ करी गयी। यह FIR भारतीय दंड संहिता (IPC) 1860 की धारा 429 और 34 एवं पशु क्रूरता निवारण (PCA) अधिनियम, 1960 की धारा 11 (1) के तहत दर्ज की गई है। जिस समय यह क्रूरता घटित हुई उस समय दर्शकों में बच्चे भी मौजूद थे और इस परेशान करने वाली घटना को मनोरंजन की आड़ में फिल्माया गया था और सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया था।

PETA इंडिया इस अभियुक्त की मनोदशा का मूल्यांकन और काउंसलिंग की सिफारिश करता है क्योंकि जानवरों के प्रति शोषण के कृत्य एक गहरी मानसिक अशांति को इंगित करते हैं। शोध से पता चला है कि जो लोग जानवरों के खिलाफ क्रूरता करते हैं, वह आगे चलकर जानवरों या मनुष्यों को भी चोट पहुंचाने का प्रयास करते हैं। उदाहरण के लिए, केरल में अमीरुल इस्लाम को विधि की एक छात्रा जीशा का बलात्कार कर उसकी हत्या करने के लिए मौत की सजा सुनाए गयी जबकि उससे पहले वह कुत्तों और बकरियों का बलात्कार कर उन्हें मार चुका था। घरेलू हिंसा पीड़ितों पर Journal of Emotional Abuse द्वारा किए गए एक अध्ययन में 71% महिलाओं ने माना कि उनके अत्याचारी पार्टनरों ने उनके कुत्तों या अन्य जानवरों को भी नुकसान पहुंचाया या मार दिया।

PETA इंडिया ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम’, 1960 को मजबूत करने के लिए लंबे समय से अभियान चला रहा है। यह कानून और इसके दंड प्रावधान बहुत पुराने और अप्रासंगिक है, जैसे इसके अंतर्गत पहली बार जानवरों पर अपराध का दोषी पाये जाने पर महज़ 50 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। PETA इंडिया ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजकर PCA अधिनियम, 1960 के अंतर्गत पशु क्रूरता  खिलाफ़ कठोर दंड प्रावधानों की सिफारिश करी है।

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पशु क्रूरता के खिलाफ़ कुछ महत्वपूर्ण कदम