आंध्र प्रदेश सरकार मुर्गीपालन व्यवसाय द्वारा की जा रही चूज़ों की क्रूर एवं गैरकानूनी हत्याओं पर रोक लगाएगी

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प्रत्यक्षदर्शियों द्वारा आंध्र प्रदेश की हेचरीस व मुर्गी पालन केन्द्रों पर की गयी जांच तथा पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया से “मुर्गी पालन केन्द्रों में अंडा न देने वाले नर चूज़ों की बेरहम हत्याओं के बारे में” अनेकों शिकायतें प्राप्त होने पर आंध्र प्रदेश पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवासन राव जी ने तत्काल इन गैरकानूनी हत्याओं को रोकने के लिए समस्त सह निदेशकों को एक आदेश जारी कर उन्हें PETA इंडिया द्वारा उठाए गए मामले एवं नर चूजों की बेरहम हत्याओं के विषय में सख्त कार्यवाही करने का निर्देश दिया है।

वर्ष 2016 में फरवरी एवं अप्रेल के मध्य में एक जांचकर्ता द्वारा आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना राज्यों में स्थित सुगुना फूड्स, एसआर ग्रुप, स्काईलार्क हेचरीज़, एसएच ग्रुप तथा डायमंड ग्रुप जैसी बड़ी हेचरीज़ व मुर्गीपालन केन्द्रों में जांच की। अंडा एवं मांस के लिए पालि जाने वाली मुर्गियों के यह बड़े केंद्र हैं। मांस एवं अंडा उद्योग इन बड़े उत्पादन केन्द्रों में नर चूज़ों व कमजोर चूज़ों  को बेकार समझा जाता है इसलिए इन अवांछित चूजों को आमतौर पर पीसकर, कुचलकर, जलाकर, डुबाकर मार दिया जाता है या कभी उन्हें मछलियों का भोजन बना दिया जाता है।

PETA इंडिया ने राज्य सरकार को लिखे अपने पत्र में बताया है कि अवांछित चूज़ों को मारने के सामान्य क्रूर तरीके जाहिर तौर पर प्रीवेंशन ऑफ क्रूएलिटी टू  एनिमल्स एक्ट, 1960 की धारा 11 (1) (L) का उलंघन करते हैं। PETA समूह ने अनुरोध किया है कि राज्य के मुर्गी पालन केन्द्रों को AWBI, लॉ कमीशन ऑफ इंडिया व विश्व स्वस्थ्य संगठन द्वारा अनुशंसित नाइट्रोजन और अक्रिय गैसों का उपयोग किया जाना चाहिए और साथ ही, सरकार चाहती है कि, अंडा उद्योग, OVO  सेक्स-निर्धारण तकनीक जब भी उपलब्ध होगी तब उस तकनीक का उपयोग करे। यह नई तकनीक है, जो विदेशों में विकसित की गई और जल्द ही व्यावसायिक रूप से यहाँ भी उपलब्ध होगी, इस तकनीक के माध्यम से शुरुआती चरण में ही नर भ्रूण की जाँच के जा सकेगी व जन्मे हुए चूज़ों  की क्रूर मौत न हो इस हेतु निर्णय लिया जा सकेगा।

पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्रालय द्वारा जारी बेसिक पशुपालन रिपोर्ट 2019  के अनुसार अंडा उत्पादक राज्यों में आंध्र प्रदेश अग्रणी राज्य है। इसलिए यह बेहद जरूरी है की जब भी लिंग निर्धारण हेतु OYO तकनीक उपलब्ध हो उसे तत्काल रूप से यहाँ लागू किया जाये।

इससे पूर्व PETA इंडिया के अनुरोध पर हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश एवं महाराष्ट्र के पशुपालन विभागों ने  अपने राज्यों में अनचाहे नर चूज़ों  की क्रूर एवं गैरकानूनी हत्याओं को रोकने हेतु अपने अधीनस्त विभागों को आदेश जारी कर इस पर तत्काल रोक लगाने एवं इस हेतु भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड द्वारा मान्य तकनीकों को अपनाने हेतु निर्देशित किया है।

जर्मनी ने लिंग निर्धारण तकनीक हेतु  € 5 मिलियन (400 मिलियन रुपये) का निवेश किया है। फ्रांस एवं स्विटजरलैंड ने जीवित नर चूज़ों  की क्रूर हत्या पर प्रतिबंध लगाने के लिए कदम उठाए हैं, जो आमतौर पर उन देशों में प्रचलित है।

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