PETA इंडिया द्वारा उत्सवों हेतु प्रयोग होने वाली घोड़ा गाड़ियों पर रोक लगाने की अपील के बाद AWBI ने दिल्ली नगर निगम से कार्रवाई से संबंधित रिपोर्ट मांगी

Posted on by Erika Goyal

PETA इंडिया द्वारा उत्सवों हेतु प्रयोग होने वाली घोड़ागाड़ियों के कारण घोड़ों के साथ होने वाले शोषण और यातायात के खतरों के खिलाफ़ एक अपील दर्ज़ कराई गयी थी जिसके परिणामस्वरूप जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड ने दिल्ली नगर निगम (MCD) को एक एडवाइजरी जारी की है। AWBI की इस एडवाइजरी में MCD से दिल्ली में उत्सवों हेतु प्रयोग होने वाले घोड़ों और घोड़ागाड़ियों को लाइसेंस प्रदान करने की मौजूदा नीति को निरस्त करने का निर्देश दिया है। PETA इंडिया द्वारा अपनी अपील में उल्लेखित किया गया था कि यह मौजूदा नीति दिल्ली में घोड़ागाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने वाले MCD के वर्ष 2010 के प्रस्ताव के विपरीत हैं और यह दिल्ली नगर निगम अधिनियम, 1957 और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 का स्पष्ट उल्लंघन है।

 

दिल्ली में विभिन्न उत्सवों हेतु प्रयोग होने वाले घोड़ों को ऐसे अनुपयुक्त स्थानों पर जबरन बांधकर रखा जाता हैं जहाँ उन्हें पर्याप्त भोजन-पानी और छाया से वंचित रखा जाता है। इन पशुओं को किसी भी प्रकार की पशु चिकित्साकीय देखभाल प्रदान नहीं की जाती है और उन्हें अक्सर दिल्ली की भीड़-भाड़ वाली सड़कों पर मुश्किल मौसम में भी बांधकर रखा जाता है। शादी समारोहों में, घोड़ों को आमतौर पर क्रूर और अवैध नुकीली लगामों का उपयोग करके दर्द के माध्यम से नियंत्रित किया जाता है ताकि वह आतिशबाजी, ढ़ोल और भीड़ से डरकर भागने का प्रयास न करें। इस प्रकार की नुकीली लगामों के कारण घोड़ों के मुंह में गंभीर घाव तक हो जाते हैं।

 

शादी में घोड़ों का प्रयोग न करने की शपथ लें! घोड़ों पर अवैध नुकीली लगामों के प्रयोग को समाप्त करें