PETA इंडिया के नववर्ष 2025 अभियान में पशुओं ने इंसानों से उनकी हत्या न करने का अनुरोध किया
नववर्ष 2025 के अवसर पर PETA, इंडिया ने मुंबई सहित देशभर में अपने नए बिलबोर्ड अभियान के माध्यम से हर साल भोजन के लिए मारे जाने वाले 92 अरब से अधिक पशुओं और खरबों मछलियों के हित में आवाज़ उठाई और जनता से नए साल में दयालुता अपनाते हुए वीगन जीवनशैली अपनाने का अनुरोध किया। इस बिलबोर्ड पर एक गाय, एक भैंस, एक सूअर का बच्चे, एक खरगोश, एक बकरी, एक मुर्गी, एक चूजे और एक मेमने के चित्र हैं और यह सभी पशु इंसानों से, ‘हमें 2025 में जिंदा रहने दें। कृपया वीगन जीवनशैली अपनाएं!’ का अनुरोध कर रहे है। PETA इंडिया के इस नए अभियान का प्रमुख उद्देश्य जनता को यह समझाना है कि मांस का उत्पादन ऐसे पशुओं की जान लेकर होता है जिनकी अपनी भावनाएं और चेहरे हैं और जो अपना जीवन शांतिपूर्ण ढंग से व्यतीत करना चाहते हैं।
वीगन भोजन से पशुओं को भी मदद मिलती है। जैसा कि PETA इंडिया ने अपने वीडियो एक्सपोज़ “ग्लास वॉल्स” में खुलासा किया है, अंडे के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मुर्गियां इतने छोटे व तंग पिंजरों में कैद करके रखी जाती हैं कि वे एक पंख भी नहीं फैला पाती। गायों और भैंसों को इतनी बड़ी संख्या में वाहनों में ठूंस दिया जाता है कि कत्लखाने तक ले जाने से पहले अक्सर उनकी हड्डियाँ टूट जाती हैं, और मांस के लिए मारे जाने वाले जिंदा सूअरों के दिल में चुरा घोंप दिया जाता है। मछलियों को समुद्र से निकाल कर जिंदा तड़फने के लिए मछली पकड़ने वाली नावों के डेक पर फेंक दिया जाता है और सचेत अवस्था में होने के दौरान बिना किसी तरह की बेहोशी की दवा दिये उनके अंगों को काट दिया जाता है। नर चूजे आगे चलकर अंडे नहीं दे पाएगे इसलिए अंडा उद्योग में उन्हें बेकार मानकर जिंदा जमीन में दफन करके, जलाकर, पीसकर, कुचलकर या फिर मछलियों का चारा बनाकर र्दनाक तरीके से मौत के घाट उतार दिया जाता है और उसी तरह से डेयरी उद्योग में नर बछड़ों को बेकार मानकर उनकी माताओं से अलग करके उन्हें भूखे प्यासे मरने के लिए छोड़ दिया जाता है।
पेड़-पौधों से मिलने वाला भोजन कैंसर, मधुमेह, मोटापा एवं हृदय रोग से पीड़ित होने के जोखिम को कम करने में सहायक है व साथ ही साथ ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को घटाकर जलवायु संकट से लड़ने में मदद करता है; और यहां तक कि भविष्य की महामारी को रोकने में भी सहायक हो सकता है। SARS, स्वाइन फ्लू, बर्ड फ्लू और संभवतः COVID-19 सभी जानवरों को खाना बनाने के लिए बंद करने और मारने से जुड़े हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट ने निष्कर्ष निकाला है कि जलवायु आपदा के सबसे बुरे प्रभावों से निपटने के लिए वीगन जीवनशैली की ओर एक वैश्विक बदलाव आवश्यक है।