PETA इंडिया और CAPE फ़ाउंडेशन की शिकायत के बाद कोलकाता में टूरिस्ट कैरिज ढोने के लिए इस्तेमाल किए गए घोड़े के साथ कथित क्रूरता के खिलाफ़ एक और FIR दर्ज़
21 फरवरी को, PETA इंडिया और CAPE फाउंडेशन द्वारा दायर एक शिकायत के बाद, कोलकाता पुलिस ने एक घोड़े के मालिक और एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के खिलाफ कथित तौर पर गंभीर घावों और लंगड़ापन के साथ एक दुर्बल घोड़े का एक विवाह समारोह में उपयोग करने के खिलाफ़ FIR दर्ज़ की। इस घोड़े के पैरों पर गहरे घाव थे, जो कथित तौर पर एक सड़क दुर्घटना के कारण लगे थे जिन्हें चूने का प्रयोग करके छिपाया गया था। विक्टोरिया मेमोरियल के सामने व्यस्त सड़क पर जानवर के गिरने के बाद घोड़े के साथ कथित तौर पर लापरवाही बरतने के आरोप में अभी दो हफ्ते पहले एक गाड़ी के मालिक और उसके साथियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी।
यह नयी FIR पशु क्रूरता निवारण (PCA) अधिनियम, 1960 की धारा 3, 11(1)(a), 11(1)(b), और 11(1)(h) एवं भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860 की धारा 289 के तहत दर्ज की गई है। ऐसे अन्य मामले में FIR भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860 की धारा 34 एवं 289 और PCA अधिनियम की धारा 11(1)(b) के अंतर्गत दर्ज़ कराई गयी है। इन शिकायतों के अनुसार, घोड़ों के मालिक उनके पोषण और देखभाल के प्रति लापरवाह थे और उन्हें अनावश्यक दर्द और पीड़ा देते थे।
PETA इंडिया और CAPE फ़ाउंडेशन की एक जांच रिपोर्ट के अनुसार, शहर में सवारी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सौ से अधिक घोड़े एनीमिक, कुपोषित और भूख से पीड़ित हैं और साथ ही कई जानवरों की हड्डियाँ टूटी हुई हैं और इन्हें अपने ही मल-मूत्र के बीच शहर के बेहद गंदे, जर्जर और अवैध रूप से कब्जे वाले परिसरों में कैद करके रखा गया है जिनमें फ्लाईओवर के नीचे का एक तंग क्षेत्र शामिल है। अध्ययन रिपोर्ट में सड़कों पर सवारी करने वाले घोड़ों से हुई 10 अलग अलग सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों को संकलित कर बताया गया है कि यह पर्यटकों के लिए कितना खतरनाक है।