क्या आप किसी एक या एक से अधिक बिल्लियों को गोद लेना चाहते हैं?
जब तक दयालु इंसान इस दुनिया में हैं तब तक बेघर जानवरों को गोद लेने व उन्हें प्यार करने वालों की उम्मीद हमेशा बनी रहेगी। हमारी टीम के सदस्य ने मुंबई के वर्सोवा में एक कार के बोनट में फंसी एक नन्ही सी बिल्ली का बचाया। प्रारम्भिक जांच से पता चला कि इस बिल्ली के बच्चे को कोई शारीरिक चोट नहीं लगी है। PETA द्वारा चिकित्सीय देखभाल के उपरांत बिल्ली का यह बच्चा एक बार फिर सामान्य जीवन व मस्ती करने हेतु तैयार हो गया।
इस बिल्ली के बच्चे के बारे में एक मज़ेदार तथ्य जानिए : यह एक कैलिको प्रजाति की बिल्ली है जिसका अर्थ है कि उसकी त्वचा पर नारंगी एवं काले रंग के बड़े पैच हैं। जैसे की यह बिल्ली, और इसी की तरह अधिकांश कैलीको प्रजाति की बिल्लियाँ मादा होती हैं।
एक और बिल्ली का बच्चा मिला – जो गंभीर रूप से कुपोषित, प्यासा और डरा सहमा हुआ था, अपने दो अन्य भाई बहनों के साथ मिला जिन्हे उनकी माँ ने छोड़ दिया था। मशहूर फिल्म अभिनेत्री व पशु प्रेमी “रवीना टंडन” ने इन बच्चों को देखा व अपने साथ ले आयी। दुर्भाग्य से, अन्य दो बच्चों ने बीमारी के कारण दम तोड़ दिया लेकिन PETA इंडिया के आपातकालीन टीम की देखभाल एवं इस नन्हें बच्चे के संघर्ष ने इसे बचा लिया। यह बिल्ली अब स्वस्थ व खुशहाल है तथा अब इसको एक प्यार करने वाले घर जरूरत है।
एक अन्य मामले में किसी दयालु इंसान की सूचना पर हमने कार के इंजन में फसे एक अन्य बिल्ली के बच्चे को बचाया।
यदि आपके पास इनमें से किसी एक बच्चे को अपने घर पर रखने के लिए पर्याप्त समय एवं समर्पण है तो निसंदेह यह आपके लिए एक पुररररफेक्ट (purrfect) साथी है। और यदि आप एक से अधिक बच्चों को घर ल्ले जाते हैं तो फिर उनको उनके जैसा एक और दोस्त भी मिल जाएगा ।
इन बिल्ली के बच्चों को गोद लेने के लिए कृपया हमें [email protected] पर ई-मेल करें।
उनकी नसबंदी और प्रारंभिक टीकाकरण PETA द्वारा किया जाएगा तथा उनके परिवहन पर आने वाली लागत भी PETA इंडिया द्वारा ही वहन की जाएगी।
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भारत भर में, अनेकों बेघर पशु सड़कों पर जीवित रहने के लिए संघर्ष करते हैं। कईं जानवर भुखमरी के कारण मर जाते हैं, या कुछ लोगों के दुर्व्यवहार के शिकार होते हैं और कुछ वाहनों से की चपेट में आकार घायल हो जाते हैं या मर जाते हैं। अनगिनत अन्य जानवरों को पशु आश्रयों में रहने के लिए छोड़ दिया जाता है क्योंकि उनके लिए पर्याप्त अच्छे घर नहीं हैं। एक मादा कुत्ते की नसबंदी कराने से छह साल में 67,000 कुत्तों को जन्म लेने से रोका जा सकता है और एक मादा बिल्ली की नसबंदी कराने से सात साल में 370,000 बिल्लियों के जन्म पर रोक लगाई जा सकती है। नसबंदी से जानवरों को सड़कों पर रहने वाले या आश्रय से बाहर रहने वाले जानवरों को मदद मिलती है, साथ ही नसबंदी से जानवर लंबे समय तक जीवित रहते हैं, स्वस्थ रहते हैं और उनके घूमने, लड़ने या काटने की संभावना कम होती है।
हाल ही में, पशुओं के बढ़ते बेघरपन के संकट को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया, जिसमें PETA इंडिया ने मुंबई में बिल्लियों की अधिक आबादी वाले क्षेत्रों में जाकर 500 से अधिक सामुदायिक बिल्लियों की नसबंदी की। इस कार्यक्रम में “बॉम्बे सोसाइटी फॉर द प्रिवेंशन ऑफ क्रुएल्टी टू एनिमल्स” ने और “यूथ ऑर्गनाइजेशन इन डिफेन्स ऑफ़ एनिमल्स” संस्थाओं ने PETA इंडिया का साथ दिया। इन बिल्लियों का का चोटों से उपचार किया गया, टीकाकरण तथा नसबंदी की गई।नसबंदी के उपरांत उनके कान में एक टैग लगाया गया ताकि भविष्य में उसकी पहचान नसबंदी केए जा चुके जानवर के रूप में हो सके। उन्हें पुनः उनके मूल इलाकों में वापिस छोड़ दिया गया। PETA इंडिया जनता को प्रोत्साहित करता है कि वह आश्रयग्रहों या सड़कों पर बेघर घूम रहे जानवरों को गोद लें तथा गोद लिए गए कुत्ते व बिल्लियों की नसबंदी कराने के लिए भी जागरूक करता है।
प्रेम, दया और आश्रय की आवश्यकता वाले अनगिनत जानवर आज भारत की सड़कों पर बेघर जीवन यापन कर रहे हैं। आप उनमें से एक जानवर को गोद लेकर, उन्हे एक प्यार करने वाला परिवार और घर दिलाने में मदद कर सकते हैं।