पर्यटकों के लिए नन्हें हाथी को जंजीरों से बांधना एवं उसके साथ दुर्व्यवहार करना

Posted on by Krithika Pradeep

हाल ही PETA एशिया ने थाईलेंड के समुत्प्रकन मगरमच्छ एवं चिड़ियाघर पर जांच कर वहाँ नन्हें हाथी के साथ हो रहे दुर्व्यवहार एवं क्रूरता का खुलासा किया था ये वही नन्हा हाथी है जिसे हाल ही में नेशनल जियोग्राफिक पर काफी ख्याति मिली थी। नीचे दिये गए वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है इस हाथी को जंजीरों से बांध कर रखा गया है, पर्यटकों के मनोरंजन हेतु इन हाथियों से भ्रामक एवं असुविधाजनक करतब करवाने हेतु इनको तरह तरह की यातनाएं दी जाती हैं। इसके अलावा अन्य जानवरों के साथ भी ऐसा ही सलूक होता है जिंहे प्रशिक्षक नुकीले हथियारों से पीड़ा देते हैं ताकि वह पर्यटकों के मनोरंजन हेतु करतब करें व पर्यटक उनकी तस्वीरें खींच सके।

करतब दिखाने हेतु जुल्म एवं यातनाएं

जांच के दौरान PETA एशिया के जांचकर्ता ने देखा कि प्रशिक्षक इन हाथियों से भ्रामक एवं असुविधाजनक करतब जैसे नृत्य, बॉल से खेलना व अन्य करतब दिखाने के लिए व अपने आदेश मानने के लिए उन्हें तरह तरह की यतनाए देते हैं, जंजीरों से बांध कर नुकीले हथियार चुभोते हैं। जो भी पर्यटक इस तरह के करतब देखने के लिए जो पैसे देते है वह वास्ताव में इन पशुओं पर होने वाले अत्याचार का समर्थन करते हैं।

जांच में पाया गया कि उनके कानों एवं उनके संवेदनशील अंगों से खून बह रहा था। अन्य जानवरों के शरीर के इन्हीं अंगो पर भी जख्म थे जिससे यह पता चलता है कि उनके साथ भी इसी प्रकार के जुल्म किए जाते हैं।

जंजीरो में जकड़ी दर्दभरी जिंदगी

जांचकर्ता ने पाया कि हाथियों के पैरों को छोटी छोटी जंजीरों से जकड़ा हुआ था व जबरन सीमेंट व कंक्रीट के बने पक्के फर्श पर खड़ा किया गया था जिससे उनके पैरों में सूजन आ जाती है व पैरों के तलवे चोटिल हो जाते हैं।

इन हाथियों को जब करतब दिखाना होता है या पर्यटकों कि सवारी करनी होती है तभी खोला जाता है व उसके बाद के समय उन्हें लगातार जंजीरों में जकड़ कर रखा जाता है। वह लगातार अपने सर को गोल गोल घूमाते रहते हैं जो गंभीर मानसिक तनाव का संकेतक है।

गंभीर यातनाएं एवं तनाव

पर्यटकों का मनोरंजन कर सके इस हेतु अन्य जानवरों को भी इसी प्रकार की यातनाएं सहनी पड़ती हैं। शो के दौरान मगरमच्छों को बांस के डंडों से पीटा गया व एक शेर को बुरी तरह प्रताड़ित किया गया ताकि पर्यटक उसके साथ फोटो खिंचवा सकें।

जांचकर्ता ने अन्य जानवरों में एक चिम्पांजी एवं गोरिल्ले को भी गंभीर तनाव एवं मानसिक विकार से पीड़ित पाया। उनको पर्यटकों के साथ फोटो खिचवाने के लिए कैदी बनाकर रखा गया है क्यूंकी इससे चिड़ियाघर को आमदनी होती है।

हाथी बेहतर जीवन जीने के हकदार हैं –

हाथी बेहद सामाजिक पशु है जो अपने परिवार के साथ मजबूत संबंध बनाकर रहते हैं। वह समस्याओं को मिलकर सुलझाते हैं तथा अपने बुजुर्गों द्वारा बनाई गयी जीवन शैलियों पर चलते हैं। अपने प्रकर्तिक घरों (जंगलों) में वह सामाजिक गतिविधियों, तालाबो में नहाना, घूमना व आपस में खेलकूद करना पसंद करते हैं।

असल जिंदगी में वह न तो किसी को पीठ पर सवारी कराते हैं ना ही उल्टे सीधे करतब दिखाते हैं। गंभीर तनाव भरी स्थितियों में कैदियों की तरह तथा बिना पर्याप्त आज़ादी मे रहने के कारण वह मानसिक विकार के शिकार हो जाते है व सिर को गोल गोल घुमाने जैसी हरकते करते हैं जो जंगलों में आज़ाद रहने वाले हाथियों को कभी करते हुए नहीं देखा गया। इसके अलावा जंगलों में रहने वाले हाथियों के मुक़ाबले इनका जीवन उतना लंबा नहीं होता, हमेशा कैद में रहने व्यवहार के अनुरूप अवसर ना मिलने के कारण इन हाथियों को अनेकों रोग एवं बीमारिया हो जाती हैं जैसे पैरों के तलवों का फट जाना, गंभीर घाव, सूजन तथा हड्डियों के रोग इत्यादि।

आप हाथियों पर होने वाली इस क्रूरता को रोकने में मदद कर सकते हैं-

PETA एशिया नें जांच में पायी गयी अनियमितताओं की रिपोर्ट थाई पुलिस को दे दी है। इन हाथियों की मदद हेतु आप भी योगदान दे सकते हैं। कृपया उन समस्त यात्राओं का बहिष्कार करें जिनमे आपको पशुओं के साथ गतिविधियां करने, उनके करतब देखने, फोटो खिचवाने जैसे कार्यक्रमों को टुरिस्ट प्लान में शामिल किया है व उन्हें यह संदेश दें कि यात्राओं को या छुट्टियों वाले टुरिस्ट प्लान को आकर्षक बनाने हेतु पशुओं से संबन्धित गतिविधियों को शामिल ना किया जाए।

कार्यवाही करें