बपटला पुलिस द्वारा PETA इंडिया एवं स्थानीय समूहों के साथ मिलकर गधे के मांस के अवैध व्यापार के खिलाफ़ छापेमारी
PETA इंडिया द्वारा दर्ज़ कराई गयी शिकायत के खिलाफ़ कार्यवाही करते हुए, बापटला पुलिस ने PETA इंडिया और आंध्र प्रदेश के स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर एक संयुक्त अभियान चलाते हुए बापटला जिले में चार छापे मारे, जिसमें 400 किलोग्राम से अधिक गधे का मांस जब्त किया गया। इस छापेमारी में एनिमल रेस्क्यू ऑर्गनाइजेशन के गोपाल सुरबथुला, हेल्प फॉर एनिमल्स सोसाइटी के तेजोवंत अनुपोजू और ईस्ट गोदावरी SPCA के विजय किशोर पालिका ने भी हिस्सा लिया।
इस अभियान के अंतर्गत उज़िलीपेट में दो स्थानों, वेतापलेम में एक स्थान, और 2 टाउन पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में आने वाले स्थानों पर छापेमारी की गयी, जहाँ से पुलिस द्वारा गधे के मांस एवं विभिन्न शारीरिक अंगों को ज़ब्त किया गया जिसमें गधे का सिर, पैर और पूंछ, आदि शामिल हैं। इस छापेमारी के बाद, 1 टाउन पुलिस स्टेशन, 2 टाउन पुलिस स्टेशन और वेतापलेम पुलिस स्टेशन द्वारा भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860; पशु क्रूरता निवारण (PCA) अधिनियम, 1960 और खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के विभिन्न प्रावधानों के तहत FIR दर्ज की गई है।
भारत में, गधों को मारना और गधे के मांस का सेवन कई नियमों के तहत गैरकानूनी हैं। गधे की हत्या करना IPC, 1860 की धारा 429 का स्पष्ट उल्लंघन है, और इसके लिए पांच साल तक की जेल, जुर्माना या दोनों की सजा का प्रावधान है। PCA अधिनियम, 1960 की धारा 11(1)(ए) और (एल) के तहत भी गधों को मारना एक अपराध है। खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत गधे के मांस का सेवन अवैध है और पशु क्रूरता निवारण (वधशाला) नियम, 2001 के तहत सार्वजनिक स्थानों पर जानवरों को मारना प्रतिबंधित है।
पिछले सात सालों की अवधि में, भारत में गधों की आबादी में 61% की गिरावट आई है।