अंडा उद्योग में हो रही नर चूज़ों की क्रूर एवं गैरकानूनी हत्याओं को रोकने हेतु बिहार सरकार की पहल
PETA इंडिया से “मुर्गी पालन केन्द्रों में अंडा न देने वाले नर चूज़ों की बेरहम हत्याओं के बारे में” लिखे गए पत्र के प्राप्त होने पर बिहार पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक ने तत्काल इन गैरकानूनी हत्याओं को रोकने के लिए समस्त जिलों के पशुपालन अधिकारियों को एक आदेश जारी किया। आदेश में चूज़ों की क्रूर हत्याओं को रोकने के लिए मुर्गी पालन केन्द्रों को निर्देश देने का आह्वान किया है कि वह सभी भारत के पशु कल्याण बोर्ड (AWBI) तथा लॉ कमीशन ऑफ इंडिया (LCI) द्वारा मान्य की गयी तकनीके इस्तेमाल करें।
अपने आदेश में बिहार पशुपालन द्वारा एक और बेहतरीन फैसला लेते हुए यह भी निर्देशित किया है कि जैसे ही OVO तकनीक भारत में उसे तत्काल लागू करवाया जाए। OVO लिंग निर्धारण के जांच तकनीक है जिसके द्वारा अंडों के अंदर ही चूजे का लिंग जांचा जा सकता है व अवांछित लिंग के चूजों को भ्रूण में ही समाप्त किया जा सकता है ना की जन्म लेने के बाद जीवित चूजों की हत्या करनी पड़े। यह तकनीक अभी विकसित हो रही है व कमर्शियल रूप से जल्द ही भारत में आने वाली है।
नर चूजे आगे चलकर अंडे नहीं दे सकते इसलिए मांस एवं अंडा उद्योग में आमतौर पर उन्हें बेकार समझा जाता है नर चूज़ों तथा अन्य कमजोर चूज़ों को, पीसकर, कुचलकर, जलाकर, डुबाकर मारा जाता है या कभी उन्हें मछलियों का भोजन बना दिया जाता है ।
PETA इंडिया ने राज्य सरकार को लिखे अपने पत्र में बताया है कि अवांछित चूज़ों को मारने के सामान्य क्रूर तरीके जाहिर तौर पर पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की धारा 11 (1) (L) का उलंघन करते हैं।
इससे पूर्व PETA इंडिया के अनुरोध पर आंध्र प्रदेश, हरियाणा, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश, एवं के पशुपालन विभागों ने अपने राज्यों में अनचाहे नर चूज़ों की क्रूर एवं गैरकानूनी हत्याओं को रोकने हेतु अपने अधीनस्त विभागों को आदेश जारी कर इस पर तत्काल रोक लगाने एवं इस हेतु भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड द्वारा मान्य तकनीकों को अपनाने हेतु निर्देशित किया है।
जर्मनी ने लिंग निर्धारण तकनीक हेतु € 5 मिलियन (400 मिलियन रुपये) का निवेश किया है जबकि फ्रांस और स्विटजरलैंड ने भी जीवित नर चूज़ों की क्रूर हत्या पर प्रतिबंध लगाने के लिए कदम उठाए हैं, जो आमतौर पर उन देशों में प्रचलित है।
अनगिनत नर चूज़ों की भीषण हत्या इसलिए होती है क्योंकि वे अंडे नहीं दे सकते और अंडा व्यावसायिकों को इनसे कोई मुनाफ़ा नहीं मिलता। यह क्रूर प्रथा रुकनी चाहिए।
हम आभारी हैं कि बिहार सरकार मुर्गीपालन उद्योग द्वारा अवांछित चूज़ों की अवैध हत्या और उन पर होने वाली क्रूरता पर रोक लगाने हेतु जो कदम उठाए हैं वह अन्य राज्यो के लिए भी एक आदर्श कदम साबित होगा।