PETA इंडिया द्वारा बजट सत्र से पहले वित्त मंत्री से बिलबोर्ड अभियान द्वारा मांस, अंडा और डेयरी उद्योग पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया
PETA इंडिया द्वारा केंद्रीय बजट सत्र से पहले, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर और बिलबोर्ड अभियान चलाकर, लोगों को वीगन जीवनशैली अपनाने हेतु प्रेरित करने के लिए मांस, अंडा और डेयरी उद्योग पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया। समूह द्वारा उल्लेखित किया गया कि मनुष्यों द्वारा वीगन जीवनशैली अपनाकर पशुओं के साथ-साथ अपने स्वयं के स्वास्थ्य के हित में कदम उठाया जा सकता है और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने में भी अपना योगदान दिया जा सकता है।
PETA इंडिया ने मुख्यमंत्री जी को लिखे अपने पत्र में उल्लेखित किया कि कई देश जानवरों की रक्षा, मानव स्वास्थ्य में सुधार और जलवायु आपदा को संबोधित करने हेतु कदम उठा रहे हैं जैसे न्यूजीलैंड सरकार जनता को वीगन जीवनशैली अपनाने हेतु प्रोत्साहित कर रही है; चीन अपने मांस की खपत को 50% तक कम करने के लिए प्रतिबद्ध है; और जर्मनी के पूर्व पर्यावरण मंत्री ने बैठकों और कार्यक्रमों में मांस पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस बीच, डेनमार्क, जर्मनी, स्पेन, स्वीडन और स्विट्ज़रलैंड या तो मांस पर उच्च टैक्स लगाने पर विचार कर रहे हैं या पहले से ही इसकी खपत और उत्पादन से संबंधित समस्याओं से निपटने का हल ढूँढ रहे हैं।
वीगन जीवनशैली अपनाने से कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग, और मोटापे जैसी गंभीर बीमारियों के खतरे को कम किया जा सकता है; पर्यावरण संरक्षण एवं ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने में अपना योगदान दिया जा सकता है और भविष्य में महामारी के खतरे को भी कम किया जा सकता है। विभिन्न विशेषज्ञों की राय है कि कोविड-19 की शुरुआत चीन की जिंदा पशु मांस मंडियों से हुई और SARS, स्वाइन फ्लू और बर्ड फ्लू का कारण भी जानवरों को भोजन हेतु मारना या कैद करना है।
वीगन जीवनशैली अपनाकर न केवल जानलेवा बीमारियों के प्रसार को रोका जा सकता है बल्कि जानवरों को भी गहन पीड़ा से बचाया जा सकता है। वर्तमान समय के मांस, अंडा और डेयरी उद्योग में सैंकड़ों, हजारों एवं लाखों की तदात में जानवरों को बड़े बड़े गोदामों में तंग पिंजरों में कैद करके खा जाता है। सचेत अवस्था में होने के बावजूद मुर्गों की गर्दनें काट दी जाती हैं, बछड़ों को जबरन खींचकर उनकी माताओं से अलग कर दिया जाता है, छोटे सूअरों को बिना कोई दर्द निवारक दिये बधिया किया जाता हैं और मछलियों के जिंदा रहते ही उनकी शरीर को काट दिया जाता है।
वीगन जीवनशैली अपनाने में मदद करने हेतु PETA इंडिया मुफ्त वीगन स्टार्टर किट भी प्रदान करता है।
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