‘विश्व वन्यजीव दिवस’ से पहले PETA इंडिया के नए बिलबोर्ड में चेतावनी : पक्षियों को पिंजरों मैं कैद करने वाले हो जाएं सावधान, वन्यजीव अपराध करने पर होगी जेल

Posted on by Surjeet Singh

विश्व वन्यजीव दिवस (3 मार्च) से पहले, पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया ने सबसे बड़े पक्षी बाज़ारों वाले शहरों- दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, पटना और वाराणसी में बिलबोर्ड अभियान लॉन्च किया है। होर्डिंग में भारतीय पक्षियों को खरीदने या बेचने के खिलाफ चेतावनी दी गई है, इस बात पर जोर दिया गया है कि भारतीय नस्ल के पक्षियों की खरीद एवं बिक्री अवैध है और ऐसा करने पर सात साल तक की जेल और ₹1 लाख का जुर्माना हो सकता है।

पिछले कुछ वर्षों में PETA इंडिया पक्षी बिक्री करने वाले बाजारों में देखा की पक्षियों को छोटे-छोटे गंदे एवं बदबूदार पिंजरों में ठूस-ठूस कर अंधेरे से घिरे बिना हवादार कमरों में रखा जाता है जहां वो हवा और थोड़ी सी हिलने डुलने लायक जगह के लिए संघर्ष करते हैं। तोते के बच्चों को छोटे-छोटे गत्ते के बक्सों में एक-दूसरे के ऊपर भरकर रखा जाता है। कई मृत पक्षी पिंजरों की जाली और फर्श पर फंसे हुए पाए गए और कुछ मरे हुए पक्षियों के मृत शवों से तो सड़ने की बदबू भी आ रही थी।

प्रकृति में, पक्षी सामाजिक गतिविधियों में संलग्न रहते हैं जैसे रेत से स्नान करना, लुका-छिपी खेलना, नृत्य करना और अपने साथियों के साथ घोंसले बनाना। लेकिन जब उन्हें पिंजरे में बंद कर दिया जाता है, तो ये चहचाहने वाले जीव उदास और अकेले हो जाते हैं। इस निराशा में वह इतने ना उम्मीद हो जाते हैं कि हताश होकर स्वयं को काट-काट कर चोटिल कर लेते हैं कि अपने अंग-भंग कर देते हैं। कुछ लोग जो पक्षियों को कैद करते हैं वह जबरदस्ती उनके पंख काट देते हैं ताकि वे उड़ न जाएं।

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