चेन्नई पुलिस ने मादा कुत्ते को पीट-पीटकर मौत के घाट उतारने के खिलाफ़ FIR दर्ज़ करी
चेन्नई में स्थानीय कार्यकर्ताओं से यह जानकारी प्राप्त होने के बाद कि अलंदूर के कुछ निवासियों ने एक मादा कुत्ते को पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया, PETA इंडिया की सिनचाना सुब्रमण्यन ने समरन थमराई और प्रणव विग्नेश नामक कार्यकर्ताओं और चेन्नई पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर FIR दर्ज कराई। यह FIR भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860 की धारा 429 के तहत अलंदूर पुलिस स्टेशन में दर्ज़ की गयी है। इस मादा कुत्ते के सारे शिशु अब स्थानीय कार्यकर्ताओं की देखभाल में हैं।
पशु जन्म नियंत्रण नियम, 2023 का नियम 11(19) केवल नसबंदी के उद्देश्य से सामुदायिक कुत्तों को पकड़ने की अनुमति देता है और इस नियम के अनुसार, सामुदायिक जानवरों को स्थानांतरित करना अवैध है। इसमें कहा गया है, “कुत्तों को [नसबंदी के बाद] उसी स्थान या इलाके में वापिस छोड़ दिया जाएगा जहां से उन्हें पकड़ा गया था।”
PETA इंडिया पशु क्रूरता के अपराधियों की मनोदशा का मूल्यांकन और काउंसलिंग की सिफारिश करता है क्योंकि जानवरों के प्रति शोषण के कृत्य एक गहरी मानसिक अशांति को इंगित करते हैं। शोध से पता चला है कि जो लोग जानवरों के खिलाफ क्रूरता करते हैं, वह अक्सर आगे चलकर अन्य पशुओं व मनुष्यों को भी चोट पहुंचाने का प्रयास करते हैं। फोरेंसिक रिसर्च एंड क्रिमिनोलॉजी इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि “जो लोग पशु क्रूरता में शामिल होते हैं, उनके अन्य अपराध करने की संभावना 3 गुना अधिक होती है, जिसमें हत्या, बलात्कार, डकैती, हमला, उत्पीड़न, धमकी और नशीली दवाओं/मादक द्रव्यों का सेवन शामिल है।”
पशुओं के खिलाफ़ क्रूरता होते देख आप यह सभी उपाय कर सकते हैं