PETA इंडिया चाहता है कि, सामुदायिक पशुओं को खाना खिलाना, जानवरों को बचाना और मोबाइल पशुचिकित्सा सेवाओं को ‘अनिवार्य सेवाओं’ में शामिल किया जाए
COVID-19 के चलते देश में किए गए लॉकडाउन के दौरान यदि देखभाल कर्ता “सामुदायिक पशुओं” जैसे कुत्ते, बिल्ली और पक्षियों के साथ अन्य जानवरों तक नहीं पहुँच सके या उनकी देखभाल नहीं कर सके तो भूखे रहने या किसी दुर्घटना के शिकार होने की वजह से इन पशुओं की मौत भी हो सकती है। PETA इंडिया ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री (CM) श्री उद्धव ठाकरे जी से एक अपील की है कि, पशु बचाव, पशुओं के लिए आपातकालीन सहायता और मोबाइल पशु चिकित्सा सेवाओं को भी “आवश्यक सेवाओं” में शामिल किया जाए ।
दिनांक 25 मार्च 2020 को जारी किये गए महाराष्ट्र राज्य सरकार की अधिसूचना में वर्तमान में केवल पशु चिकित्सालय, पशु देखभाल केंद्र और पालतू जानवरों की दुकानों जैसी सेवाओं को बिना अवरोध चलने की अनुमति दी गयी है लेकिन उन महत्वपूर्ण सेवाओं का उल्लेख नहीं किया गया है जिन्हें इस विषय में किया जाना चाहिए। राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधान मंत्री श्री मोदी जी ने कहा था कि “लॉकडाउन के कारण, जानवरों को भी परेशानी हो रही है। मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे अपने आसपास के जानवरों की देखभाल करें।“ इस से पहले 23 मार्च को, माननीय सांसन्द महोदया श्री मति मेनका गांधी जी द्वारा गायों, कुत्तों और अन्य सामुदायिक जानवरों को भुखमरी से बचाने हेतु इन सामुदायिक पशुओं को खाना खिलाने वालों से अपील की थी कि लॉकडाउन जैसी स्थिति में भी लोग इस काम को जारी रखें ।
‘आपके आस पास जो पशु हैं उनकी भी चिंता करनी हैं। लॉकडाउन की वजह से अनेक पशुओं के सामने भी भोजन का संकट आ गया हैं। मेरी लोगों से प्रार्थना हैं की अपने आस पास पशुओं का भी ध्यान रखें।’ – PM @narendramodi #Lockdown21 #21daylockdown #COVID2019 #Covid_19india #CoronavirusLockdown pic.twitter.com/87CJfXZ3cK
— PETA India (@PetaIndia) March 25, 2020
PETA इंडिया ने अपने पत्र में, मुख्यमंत्री श्री ठाकरे जी को लिखा है कि, उनके कार्यालय में अत्यधिक संख्या में ऐसे पशु प्रेमियों की काल्स आ रही हैं कि वो पशुओं की मदद करना चाहते हैं लेकिन उन्हें पुलिस अधिकारियों और जिला प्रशासन द्वारा सामुदायिक पशुओं के पास जाने से रोका जा रहा है। PETA समूह, मुख्य मंत्री जी से आग्रह कर्ता है कि तत्काल रूप से जिला प्रशासन और पुलिस कर्मियों को निर्देश जारी करें कि पशुसेवकों और स्वयंसेवकों की रक्षा करें।
केंद्र सरकार की सलाहकार संस्था “भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड” ने 23 मार्च को राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को पशु कल्याण स्वयंसेवकों द्वारा सामुदायिक जानवरों को खाना खिलाने की अनुमति देने के लिए एक सलाह जारी की थी। 23 मार्च को केंद्रीय पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा जारी किये गए दूसरे परिपत्र में कहा गया था कि, पशु चिकित्सा सेवाओं और पशु आश्रयों को सामान्य रूप से कार्य करने की अनुमति दी जानी चाहिए और पशु चिकित्सा सेवाओं को “अनिवार्य सेवाओं” की सूची में शामिल किया जाना चाहिए।
PETA इंडिया के पास एक सक्रिय, महत्वपूर्ण और प्रभावी आपातकालीन पशु बचाव एवं राहत दल है जो संकट में फसें जानवरों के बारे में आने वाली कॉल्स लेने के लिए और उन्हें बचाने के लिए चौबीस घंटे उपलब्ध और तत्पर रहते हैं। संकट में फसे पशुओं की मदद एवं उचित परामर्श हेतु आप 98201 22602 पर कॉल करके आपातकालीन दल से संपर्क कर सकते हैं ।