PETA इंडिया की कार्रवाई के परिणामस्वरूप, दिल्ली के एक निवासी के खिलाफ़ कुत्ते के एक बच्चे को मारने के खिलाफ़ मामला दर्ज किया गया
यह जानकारी प्राप्त होने के बाद कि पंडित मोहल्ला क्षेत्र में एक व्यक्ति ने कथित तौर पर कुत्ते के एक बच्चे की गर्दन पर लोहे का गेट रगड़कर उसे मौत के घाट उतार दिया और इसके बाद इस गहन क्रूरता का वीडियो बहुत ही बेशर्मी से साझा किया, PETA इंडिया और अडवोकेट लीना शर्मा और सुश्री निमिषा भगत नामक स्थानीय कार्यकर्ताओं ने न्यू अशोक नगर पुलिस स्टेशन में एक शिकायत दर्ज कराकर पुलिस से संबधित मामले में FIR दर्ज़ करने का अनुरोध किया। इस मामले में, पुलिस द्वारा आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की धारा 325 एवं पशु क्रूरता निवारण (PCA) अधिनियम, 1960 की धारा 11(1)(a) के तहत मामला दर्ज़ किया गया है।
PETA इंडिया पशुओं पर क्रूरता करने वाले अपराधियों की मनोदशा का मूल्यांकन और काउंसलिंग की सिफारिश करता है क्योंकि पशुओं के प्रति शोषण के कृत्य एक गहरी मानसिक अशांति को इंगित करते हैं। शोध से पता चला है कि जो लोग पशुओं पर क्रूरता करते हैं, वह अक्सर आगे चलकर अन्य पशुओं व मनुष्यों को भी चोट पहुंचाने का प्रयास करते हैं। फोरेंसिक रिसर्च एंड क्रिमिनोलॉजी इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि “जो लोग पशु क्रूरता में शामिल होते हैं, उनके अन्य अपराध करने की संभावना 3 गुना अधिक होती है, जिसमें हत्या, बलात्कार, डकैती, हमला, उत्पीड़न, धमकी और नशीली दवाओं/मादक द्रव्यों का सेवन शामिल है।“
PETA इंडिया देश के ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम’, 1960 को मजबूत करने के लिए लंबे समय से अभियान चला रहे हैं। यह कानून और इसके दंड प्रावधान बहुत पुराने और अप्रासंगिक है, जैसे इसके अंतर्गत पहली बार पशुओं पर अपराध का दोषी पाये जाने पर महज़ 50 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है (जबकि ऐसे अपराधियों के लिए भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत सख्त प्रावधानों का निर्धारण किया गया है)। PETA इंडिया ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजकर PCA अधिनियम, 1960 के अंतर्गत पशु क्रूरता के खिलाफ़ कठोर दंड प्रावधानों की सिफारिश की है।
पशु शोषणकारियों के खिलाफ़ मज़बूत दंड प्रावधानों की मांग करें