PETA द्वारा बात करने के बाद दिल्ली के सबसे बड़े एडवेंचर पार्क ने अपने पतंगबाजी आयोजन से मांजे को हटाया
स्वतन्त्रता दिवस के उपलक्ष्य में दिल्ली के सबसे बड़े एडवेंचर पार्क ई-ओ-डी ने दिनांक 14 से 16 अगस्त को संजय झील पार्क में पतंगबाजी प्रतियोगिता का आयोजन किया था। PETA इंडिया को इस आयोजन का पता चलने पर PETA इन प्रतियोगिता आयोजकों से बात कर उन्हें दिल्ली सरकार द्वारा किसी भी प्रकार के माँझे पर लगाए गए प्रतिबंध की जानकारी दी व इसके इस्तेमाल को गैरकानूनी बताया, यह जानने के बाद ई-ओ-डी ने पतंगबाजी प्रतियोगिता से माँझे के इस्तेमाल पर रोक लगा दी व प्रतियोगिता के दिन सभी प्रतिभागियों को केवल सफ़ेद सूती धागा जिसे सद्दी के नाम से जाना जाता है को ही इस्तेमाल करने की अनुमति दी। इससे पहले, PETA इंडिया से मिली शिकायत पर कार्यवाही करते हुए दिल्ली पुलिस ने सदर बाज़ार, बाड़ा हिन्दू राव पतंग बाज़ार तथा मधु विहार की बहुत सी दुकानों पर दबिश देकर लगभग 100 किलोग्राम मांजा (पतंग उड़ाने की तीखी डोर जो सूत के ऊपर काँच, धातु व अन्य तीखे लेप लगाकर तैयार की जाती है) जब्त की थी। पहली बार दिल्ली पुलिस ने पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा 5 के अंतर्गत, दिल्ली सरकार द्वारा 10 जनवरी 2017 को जारी किए गए निर्देश जिसमे कहा गया है की दिल्ली में किसी भी प्राकार के माँझे की बिक्री, उत्पादन, भंडारण, आपूर्ति, आयात अथवा इस्तेमाल प्रतिबंधित है, की अवहेलना किए जाने हेतु इन माँझा विक्रेताओं के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज किया है। दिल्ली सरकार की यह अधिसूचना पतंगबाजी हेतु किसी भी प्रकार के लेप से मुक्त केवल सूती डोर के इस्तेमाल से पतंगबाजी की अनुमति देती है।
हर वर्ष हजारों पक्षी इन तेज मांझो की चपेट में आकर अपनी जान गंवा देते हैं। मांझे में उलझ कर उनके पंख कट जाते है या फिर शरीर पर लिपट जाने से वह कई-कई हफ़्तों तक पेड़ों या इमारतों पर फंसे रहते है। 15 अगस्त को मयूर विहार में माँझे से एक बच्चे का गला कट गया था इसी दिन माँझे से गला काटने पर एक इंजीनियर की मौत हो गयी थी। फरवरी 2019 में दौरान दिल्ली के तिमारपुर में गला कट जाने से एक मोटर साईकल सवार की मौत हो गयी थी तथा इसी वर्ष जुलाई माह में एक अन्य मोटरसाईकल सवार माँझे की चपेट में आने से अपना संतुलन खो बैठा जिससे मोटरसाईकल अनियंत्रित होकर टकराने से उसपर बैठी 3 वर्षीय बच्ची की मौत हो गयी।
मांझे की बिक्री, पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 के तहत धारा 15 का उलंघन व दंडनीय अपराध है जिसके लिए पाँच साल की सजा, 1 लाख का जुर्माना या फिर दोनों का प्रावधान है। दिल्ली सरकार की अधिसूचना में उप निरीक्षक (Sub Inspector) या उस से ऊपर के पद के अधिकारियों को मांझा के क्रेताओं व विक्रेताओं के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए अधिकृत किया गया है।
पिछले वर्ष भी PETA इंडिया की शिकायत पर कार्यवाही करते हुए दिल्ली पुलिस ने चाँदनी चौक के निकट लालकुआं पतंग बाज़ार तथा पूर्वी दिल्ली में गांधी नगर के चाँद मोहल्ला बाज़ार में दबिश देकर बहुत सी दुकानों से लगभग 100 किलोग्राम माँझे को जब्त किया था।
कृपया समस्त भारत में इस तीखे माँझे के इस्तेमाल पर तत्काल रोक लगवाने में मदद करें।
माँझा पक्षियों एवं इंसनों के लिए जानलेवा है आप इसके इस्तेमाल पर रोक लगवाने में मदद कर सकते हैं।