PETA इंडिया ने अर्थ डे पर जनता को सचेत किया: ‘वीगन जीवनशैली अपनाए नहीं तो हम सब मारे जाएंगे’

Posted on by Sudhakarrao Karnal

अर्थ डे (22 अप्रैल) के उपलक्ष्य में, PETA इंडिया ने जयपुर और अन्य शहरों में बिलबोर्ड लगवाकर लोगों को पृथ्वी संरक्षण हेतु जागरूक किया एवं वैज्ञानिकों अनुसार इसे बचाने हेतु सबसे ज़रुरी कदम उठाने के आग्रह किया जो कि है: “वीगन जीवनशैली अपनाना”।

कुछ अनुमानों के अनुसार, मांस, अंडा और डेयरी के लिए पाले जाने वाले पशुओं के पालन पोषण पर दुनिया के ताजे पानी का एक तिहाई हिस्सा इस्तेमाल होता है और कुछ अनुमानों के अनुसार, इसके कारण दुनियाभर के परिवहन से होने वाले गैस उत्सर्जन से कही अधिक ग्रीनहाउस-गैस उत्सर्जन होता है। Oxford University के शोध के अनुसार, वीगन जीवनशैली अपनाने वाला हर व्यक्ति अपने कार्बन फुटप्रिंट को 73% तक कम कर सकता हैं।

PETA इंडिया द्वारा इन बिलबोर्ड के माध्यम से लोगों को पशुओं एवं हमारे ग्रह को बचाने का अनुरोध किया जा रहा है। आज के मांसअंडा और डेयरी उद्योगों में भारी संख्या में पशुओं को बड़े गोदामों में कैद करके पाला जाता है। सचेत अवस्था में होने के बावजूद मुर्गियों का गला काट दिया जाता है, गायों और भैंसों को उनके प्यारे बछड़ों से जबरन अलग किया जाता है, सूअरों को दर्द निवारक दवाओं के बिना काट दिया जाता है, और मछलियों को तब तक जिंदा ही तड़पाकर मौत के घाट उतार दिया जाता है।

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