‘विलुप्त कर रहा है हमें खाने का यह तरीका’ एक आंखें खोल देने वाली डॉक्युमेंट्री है जिसमें हमारे ग्रह को बचाने के कई ज़रूरी तरीकों को उजागर किया गया है

Posted on by Shreya Manocha

इसमें हमारे भोजन और इस ग्रह के बीच संबंध को उजागर किया गया है।

‘विलुप्त कर रहा है हमें खाने का यह तरीका’ नामक डॉक्युमेंट्री को श्रीमति मेनिका गांधी द्वारा अपनी आवाज़ दी गयी है और इसमें मांस और डेयरी उद्योग के कारण हमारे ग्रह पर पड़ने वाले विनाशकारी प्रभाव और जलवायु आपदा में बढ़ौती की गहन समस्या को उजागर किया गया है।

 

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इस डॉक्युमेंट्री को यहाँ पर अंग्रेज़ी में भी देखा जा सकता है।

PETA इंडिया उल्लेखित करता है कि भोजन हेतु मौत के घाट उतारे जाने वाले पशुओं को अत्यंत पीड़ा का सामना करना पड़ता है जैसा कि “Glass Walls” नामक बेहद चर्चित वीडियो में देखा जा सकता है जिसमें डेयरी उद्योग की वास्तविक क्रूरता का पर्दाफाश किया गया है। फ़ैक्टरी फ़ार्मों पर मुर्गियों को हज़ारों की संख्या में भीड़-भाड़ वाले शेडों में पैक किया जाता है, जहां उन्हें जमा कचरे के बीच अमोनिया की दुर्गंध में जबरन खड़ा होने के लिए बाध्य किया जाता है। उन्हें हर उस चीज़ से वंचित कर दिया जाता है जो उनके लिए प्राकृतिक रूप से महत्वपूर्ण है। भोजन के लिए मारी जाने वाली मुर्गियों और अन्य जानवरों को वाहनों में भरकर इतनी अधिक संख्या में बूचड़खानों में ले जाया जाता है कि कई जानवरों की हड्डियाँ टूट जाती हैं, दम घुट जाता है, या रास्ते में ही मृत्यु हो जाती हैं। बूचड़खानों में मजदूर अक्सर बकरियों, भेड़ों और अन्य जानवरों का गला कम धार वाले ब्लेडों से काट देते हैं। साथ ही, मछली पकड़ने वाली नौकाओं के डेक पर जीवित रहते हुए भी मछलियाँ का गला चीर दिया जाता हैं।

‘विलुप्त कर रहा है हमें खाने का यह तरीका’ में पशु कृषि और ट्रोपिकल वर्षावनों के विनास, विभिन्न प्रजातियों की विलुप्ति, महामारी, एंटीबायोटिक प्रतिरोध और बढ़ते तापमान के बीच संबंध को उजागर किया गया है। इस डॉक्युमेंट्री के द्वारा लोगों को यह समझाने का प्रयास किया गया है कि वीगन जीवनशैली अपनाकर पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दिया जा सकता है और हमारे द्वारा अपनाए गए भोजन विकल्प हमारे ग्रह के भविष्य के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।

वीगन जीवनशैली अपनाने वाला हर व्यक्ति, प्रति वर्ष लगभग 200 जानवरों को अत्यधिक पीड़ा और भयानक मृत्यु से बचाता है। इसके अलावा, भोजन के लिए जानवरों को पालना जल प्रदूषण और भूमि क्षरण का एक प्रमुख कारण है, और 2010 की संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि जलवायु परिवर्तन के सबसे बुरे प्रभावों से निपटने के लिए वीगन भोजन की ओर वैश्विक बदलाव आवश्यक है।

क्या आप भी अपने ग्रह और इसके भविष्य को सुरक्षित करना चाहते हैं। ऐसा सुनिश्चित करने हेतु, कृपया इस डॉक्यूमेंट्री को अपने परिवार और दोस्तों के साथ साझा करें।

आप PETA इंडिया की डाइरेक्टर पूर्वा जोशीपुरा की किताब“सर्वाइवल ऐट स्टेक”  भी पढ़ सकते हैं जिसमें आपको पशुओं के साथ किए गए व्यवहार और मानव जाति के भविष्य के बीच संबंध को बहुत ही सरल एवं सहज रूप से प्रकाशित किया गया है। आप ही अपनी प्रति को यहाँ से ऑर्डर करें।

क्या आप भी अपने भोजन विकल्पों के माध्यम से इस ग्रह के भविष्य को बदलना चाहते हैं।

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