साथी कुत्ते पर हमला करके उसे अंधा करने के लिए’डॉग्स एंड मी, पेट्स रिज़ॉर्ट एंड ट्रेनिंग स्कूल’ के खिलाफ़ मामला दर्ज किया गया
ठाणे में एक बोर्डिंग सुविधा ‘डॉग्स एंड मी, पेट्स रिज़ॉर्ट एंड ट्रेनिंग स्कूल’ में रखे गए दो कुत्तों के अभिभावकों से यह जानकारी मिली कि यहाँ के स्टाफ के सदस्यों ने उनके साथी कुत्तों को गंभीर रूप से पीटा, जिसके परिणामस्वरूप दोनों कुत्तों को कई दर्दनाक चोटे लगी। इनमें से एक पीड़ित कुत्ते की बायीं आंख सूजकर लगभग बाहर निकाल गई और लंबी सर्जरी के बावजूद उसे अपनी दृष्टि गवानी पड़ी। यह पूरी क्रूरता CCTV फुटेज में भी कैद हुई है। संबंधित मामले में, PETA इंडिया की तत्कालिक कार्रवाही और मार्गदर्शन के आधार पर पीड़ित कुत्तों के अभिभावकों, श्री अभिषेक कुमार और श्रीमती बोस्की पालन द्वारा ‘वर्तक नगर पुलिस स्टेशन’ में एक FIR दर्ज कराई गई है। PETA इंडिया और पुलिस के विभिन्न प्रयासों के बाद कुल चार दोषियों, जिनमें ‘डॉग्स एंड मी, पेट्स रिज़ॉर्ट एंड ट्रेनिंग स्कूल’ के मालिक एवं कर्मचारी शामिल हैं, के खिलाफ़ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 325 और 3(5) और पशु क्रूरता निवारण (पीसीए) अधिनियम, 1960 की धारा 11(1)(ए) के खिलाफ़ मामला दर्ज किया गया है। आरोप पत्र में इनमें से एक कुत्ते को अंधा करके उसे हमेशा के लिए अपंग बनाने जैसे गंभीर आरोप को शामिल किया गया है।
PETA इंडिया सभी क्षेत्रीय पशु चिकित्सालयों एवं पशुओं से संबंधित अन्य संस्थानों को नौकरी आवेदकों की जानकारी की सावधानीपूर्वक जांच करने की सलाह देती है ताकि इन शोषणकारियों को पशुओं के साथ दोबारा काम करने का अवसर न मिले। PETA इंडिया सभी पशु संरक्षकों को यह सलाह देता है कि वह कुछ समय हेतु अपने कुत्ते का ध्यान रखने के लिए केवल अपने किसी विश्वसनीय दोस्त या रिश्तेदार पर ही भरोसा करें। जब बोर्डिंग सुविधा की मदद लेना नितांत आवश्यक हो, तो अभिभावकों को पहले उसका दौरा करना चाहिए, उसके बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए कि कुत्तों को पिंजरे में बंद नहीं किया जाएगा या अन्यथा उनके साथ दुर्व्यवहार नहीं किया जाएगा। इसी तरह, किसी कैनाइन ट्रेनर की सेवाएँ लेने से पहले, उनकी योग्यताओं को सत्यापित करना और उसके व्यवहार के बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त करना अत्यंत आवश्यक है जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि ट्रेनर द्वारा केवल अहिंसक और रिवार्ड तकनीकों का उपयोग करके कुत्तों का प्रशिक्षण किया जाता है और सभी ट्रेनिंग सेशन के दौरान पशुओं के साथ उनके अभिभावकों की उपस्थिति अत्यंत आवश्यक है।
PETA इंडिया पशु क्रूरता के अपराधियों की मनोदशा का मूल्यांकन और काउंसलिंग की सिफारिश करता है क्योंकि पशुओं के प्रति शोषण के कृत्य एक गहरी मानसिक अशांति को इंगित करते हैं। शोध से पता चला है कि जो लोग पशुओं पर क्रूरता करते हैं, वह अक्सर आगे चलकर अन्य पशुओं व मनुष्यों को भी चोट पहुंचाने का प्रयास करते हैं। फोरेंसिक रिसर्च एंड क्रिमिनोलॉजी इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि “जो लोग पशु क्रूरता में शामिल होते हैं, उनके अन्य अपराध करने की संभावना 3 गुना अधिक होती है, जिसमें हत्या, बलात्कार, डकैती, हमला, उत्पीड़न, धमकी और नशीली दवाओं/मादक द्रव्यों का सेवन शामिल है।”
PETA इंडिया देश के ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम’, 1960 को मजबूत करने के लिए लंबे समय से अभियान चला रहे हैं। यह कानून और इसके दंड प्रावधान बहुत पुराने और अप्रासंगिक है, जैसे इसके अंतर्गत पहली बार पशुओं पर अपराध का दोषी पाये जाने पर महज़ 50 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है (जबकि ऐसे अपराधियों के लिए BNS, 2023 के अंतर्गत सख्त प्रावधानों का निर्धारण किया गया है)। PETA इंडिया ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजकर PCA अधिनियम, 1960 के अंतर्गत पशु क्रूरता के खिलाफ़ कठोर दंड प्रावधानों की सिफारिश की है।
पशु क्रूरता के खिलाफ़ कुछ महत्वपूर्ण सुझाव
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