PETA इंडिया की शिकायत के बाद, 101 बकरों की कुर्बानी देने वाले उद्योगपति के खिलाफ़ मामला दर्ज़

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यह जानकारी मिलने के बाद कि हैदराबाद के एक उद्योगपति और उसके साथियों द्वारा कानून एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का स्पष्ट उल्लंघन करते हुए कथित तौर पर 101 बकरों की कुर्बानी दी गई, PETA इंडिया ने हैदराबाद के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर FIR दर्ज़ कराने का काम किया। हैदराबाद के मदनपेट कॉलोनी के बाग-ए-जहांआरा में रविवार 6 फरवरी को बकरों की कुर्बानी दी गई। यह क्रूर घटना कैमरे द्वारा रिकॉर्ड की गई, और फुटेज में लोगों को भयभीत बकरों के सामने खड़े होकर फोटो और वीडियो के लिए पोज देते हुए दिखाया गया है, जिन्हें एक छोटी-सी जगह में कैद करके रखा गया था। फिर इन सजीव जानवरों को एक-दूसरे के सामने मौत के घाट उतारा गया। इन जानवरों का पूरे होश में गला काटा गया और एक रिहायशी इलाके में जनता के सामने इन निर्दोष जानवरों का कत्लेआम किया गया।

यह FIR तेलंगाना पशु एवं पक्षी बलिदान निषेध अधिनियम, 1950 की धारा 6 और 8 और PCA अधिनियम, 1960 की धारा 3, 11 (1) (ए), 11 (1) (एल) और 38(3) के अंतर्गत दर्ज़ की गई।

PETA इंडिया ने अपने द्वारा दर्ज़ FIR में बताया कि “तेलंगाना पशु एवं पक्षी बलिदान निषेध अधिनियम, 1950” की धारा 5 (बी) के अंतर्गत किसी भी व्यक्ति को अपने अधिकार के आधीन स्थान पर किसी भी पशु की कुर्बानी की अनुमति नहीं हैं। धारा 4 के अंतर्गत लोगों के बीच पशुओं की बलि देने, इस प्रकार का प्रदर्शन करने या इसमें भाग लेने पर पूरी तरह से रोक है। धारा 8 अधिनियम के तहत सभी अपराधों को संज्ञेय बनाती है।

मांस के लिए जानवरों की बलि और हत्या के संबंध में दो मामलों पर आदेशों के माध्यम से, सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि जानवरों को केवल आधिकारिक रूप से लाइसेंस प्राप्त बूचड़खानों में ही वध किया जा सकता है और नगरपालिका अधिकारियों को इस फैसले का अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए। पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण (वधशाला) नियम, 2001, और खाद्य सुरक्षा और मानक (खाद्य व्यवसायों का लाइसेंस और पंजीकरण) विनियम, 2011 के अंतर्गत लाइसेंस प्राप्त बूचड़खानों में कुछ विशिष्ट उपकरणों का प्रयोग कर केवल भोजन के लिए जानवरों के वध की अनुमति दी गई है।

गुजरात, केरल, पुडुचेरी और राजस्थान में पहले से ही ऐसे कानून हैं जो मंदिर या उसके परिसर में किसी भी जानवर के धार्मिक बलिदान को प्रतिबंधित करते हैं। आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना राज्य धार्मिक स्थल या उसके परिसर में, सार्वजनिक स्थल पर धार्मिकता से जुड़े किसी भी कार्यक्रम या जुलूस में पशुओं की बलि को प्रतिबंधित करता हैं।

अभी ट्वीट करके हैदराबाद पुलिस का धन्यवाद करें!

भाग 28 को हटवाने में हमारा सहयोग करें जिसके अंतर्गत पशु बलि वैध है!