PETA इंडिया की शिकायत के बाद वेटिक पेट क्लिनिक में एक कुत्ते को बेरहमी से पीटने के लिए इसके कर्मचारियों और प्रबंधन के खिलाफ़ FIR दर्ज़ की गयी
अभिनेता सोनू सूद, वरुण धवन और मलायका अरोड़ा सहित कई अन्य दयालु लोगों द्वारा साझा किए गए एक वायरल वीडियो के जवाब में, 15 फरवरी को PETA इंडिया द्वारा चितलसर मानपाडा पुलिस स्टेशन में एक औपचारिक शिकायत दर्ज करी गयी। इस वीडियो में, ठाणे स्थित वेटिक पेट क्लिनिक के दो कर्मचारियों को एक कुत्ते के साथ दुर्व्यवहार करते देखा जा सकता है जिसमें से एक कर्मचारी पीड़ित कुत्ते के मुंह एवं शरीर पर बार-बार मुक्के एवं लात से वार कर रहा है जबकि दूसरा कर्मचारी पूरी घटना को रिकॉर्ड करते हुए इस क्रूरता में शामिल हो रहा है। इस क्रूरता में शामिल दोनों कर्मचारियों और क्लिनिक के प्रबंधक एवं मालिक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860 की धारा 34, 114 और 511 के साथ धारा 429 एवं पशु क्रूरता निवारण (PCA) अधिनियम, 1960 की धारा 11(1)(a) के तहत मामला दर्ज़ किया गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस वीडियो में दिख रहे दोनों कर्मचारियों को काम से निकाल दिया गया है। पीपल फॉर एनिमल्स (PFA) के विजय रंगारे द्वारा भी इस मामले पर काम किया गया हैं।
PETA इंडिया सभी क्षेत्रीय पशु चिकित्सालयों एवं पशुओं से संबंधित अन्य संस्थानों को नौकरी आवेदकों की जानकारी की सावधानीपूर्वक जांच करने की सलाह देती है ताकि इन शोषणकारियों को पशुओं के साथ दोबारा काम करने का अवसर न मिले। हम सभी पशु अभिभावकों को भी पशु ग्रूमिंग के दौरान अपने कुत्तों के साथ रहने की सलाह देते हैं।
PETA इंडिया यह भी सिफारिश करता है कि पशुओं के साथ दुर्व्यवहार करने वालों की मनोचिकित्सकीय जांच होनी चाहिए और उन्हें परामर्श दिया जाना चाहिए, क्योंकि पशुओं के साथ दुर्व्यवहार गहरी मनोवैज्ञानिक समस्या का संकेत देता है। खोज से पता चलता है कि जो लोग पशुओं के प्रति क्रूरता करते हैं, वे अक्सर अन्य बड़े अपराध भी करते हैं जो मनुष्यों सहित अन्य पशुओं को भी अपना शिकार बनाते हैं। उदाहरण के लिए, केरल की एक कानून छात्रा के साथ बलात्कार और हत्या के दोषी अमीरुल इस्लाम का कुत्तों और बकरियों के साथ बलात्कार और हत्या करने का इतिहास रहा है। जर्नल ऑफ इमोशनल एब्यूज में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि 71% प्रताड़ित महिलाएं जिनके पास साथी पशु थे, उन्होंने पुष्टि की कि उनके पार्टनर ने पशुओं को डराया, धमकाया, घायल किया था या मार डाला था।
PETA इंडिया देश के ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम’, 1960 को मजबूत करने के लिए लंबे समय से अभियान चला रहा है। यह कानून और इसके दंड प्रावधान बहुत पुराने और अप्रासंगिक है, जैसे इसके अंतर्गत पहली बार जानवरों पर अपराध का दोषी पाये जाने पर महज़ 50 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। PETA इंडिया ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजकर PCA अधिनियम, 1960 के अंतर्गत पशु क्रूरता खिलाफ़ कठोर दंड प्रावधानों की सिफारिश करी है।
पशुओं के खिलाफ़ दुर्व्यवहार करने वालों के लिए कड़ी सजा की मांग करें