PETA इंडिया और श्रीमती मनेका गांधी की पहल पर भिवानी में कुत्ते को पीट-पीट कर मारने के मामले में FIR दर्ज
भिवानी में कुछ लोगों द्वारा एक कुत्ते को बेरहमी से बांस की छड़ियों से पीट-पीट कर मार डालने की खबर सामने आई। इस घटना को लेकर PETA इंडिया और श्रीमती मनेका गांधी ने स्थानीय कार्यकर्ता श्री संजय परमार, भिवानी गौ रक्षा दल और पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर कड़ी कार्रवाई की। इसके परिणामस्वरूप इंडस्ट्रियल एरिया पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता (BNS) 2023 की धारा 325 और 238(c) के तहत एक ज्ञात और अन्य अज्ञात आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई। आरोप है कि उन्होंने कुत्ते की हत्या की और शव को नष्ट कर साक्ष्य मिटाने की कोशिश की। पुलिस अब शव की तलाश कर रही है, जिसके बाद कुत्ते का पोस्टमार्टम किया जाएगा।
PETA इंडिया पशु क्रूरता के अपराधियों की मनोदशा का मूल्यांकन और काउंसलिंग की सिफारिश करता है क्योंकि पशुओं के प्रति शोषण के कृत्य एक गहरी मानसिक अशांति को इंगित करते हैं। शोध से पता चला है कि जो लोग पशुओं पर क्रूरता करते हैं, वह अक्सर आगे चलकर अन्य पशुओं व मनुष्यों को भी चोट पहुंचाने का प्रयास करते हैं। फोरेंसिक रिसर्च एंड क्रिमिनोलॉजी इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि “जो लोग पशु क्रूरता में शामिल होते हैं, उनके अन्य अपराध करने की संभावना 3 गुना अधिक होती है, जिसमें हत्या, बलात्कार, डकैती, हमला, उत्पीड़न, धमकी और नशीली दवाओं/मादक द्रव्यों का सेवन शामिल है।”
PETA इंडिया देश के ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम’, 1960 को मजबूत करने के लिए लंबे समय से अभियान चला रहे हैं। यह कानून और इसके दंड प्रावधान बहुत पुराने और अप्रासंगिक है, जैसे इसके अंतर्गत पहली बार पशुओं पर अपराध का दोषी पाये जाने पर महज़ 50 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है (जबकि ऐसे अपराधियों के लिए BNS, 2023 के अंतर्गत सख्त प्रावधानों का निर्धारण किया गया है)। PETA इंडिया ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजकर PCA अधिनियम, 1960 के अंतर्गत पशु क्रूरता के खिलाफ़ कठोर दंड प्रावधानों की सिफारिश की है।