PETA इंडिया की शिकायत के बाद आगरा पुलिस ने कुत्ते को पीट-पीटकर हत्या करने वाले अपराधी के खिलाफ़ FIR दर्ज़ की
PETA इंडिया को यह जानकारी प्राप्त हुई थी कि आगरा के पीर कल्याणी इलाके में कथित तौर पर एक सामुदायिक कुत्ते को पहले डंडे से पीटकर और फिर कई बार जमीन पर पटक-पटक कर मौत के घाट उतार दिया गया। इसके बाद समूह द्वारा इस घटना की सूचना देने वाले दयालु नागरिक और आगरा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज़ की गयी। हरीपर्वत पुलिस स्टेशन द्वारा भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860 की धारा 428 और 506 और पशु क्रूरता निवारण (PCA) अधिनियम, 1960 की धारा 11 के तहत FIR दर्ज़ की गई है।
PETA इंडिया इस अभियुक्त की मनोदशा का मूल्यांकन और काउंसलिंग की सिफारिश करता है क्योंकि जानवरों के प्रति शोषण के कृत्य एक गहरी मानसिक अशांति को इंगित करते हैं। शोध से पता चला है कि जो लोग जानवरों के खिलाफ क्रूरता करते हैं, वह आगे चलकर जानवरों या मनुष्यों को भी चोट पहुंचाने का प्रयास करते हैं। उदाहरण के लिए, केरल में अमीरुल इस्लाम को विधि की एक छात्रा जीशा का बलात्कार कर उसकी हत्या करने के लिए मौत की सजा सुनाए गयी जबकि उससे पहले वह कुत्तों और बकरियों का बलात्कार कर उन्हें मार चुका था। घरेलू हिंसा पीड़ितों पर International Journal of Environmental Research and Public Health द्वारा किए गए एक अध्ययन में 71% महिलाओं ने माना कि उनके अत्याचारी पार्टनरों ने उनके कुत्तों या अन्य जानवरों को भी नुकसान पहुंचाया या मार दिया।
PETA इंडिया इस सिद्धान्त के तहत कार्य करता है कि, “जानवर किसी तरह का दुर्व्यवहार सहने के लिए नहीं हैं”। हम देश के ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम’, 1960 को मजबूत करने के लिए लंबे समय से अभियान चला रहा है। यह कानून और इसके दंड प्रावधान बहुत पुराने और अप्रासंगिक है, जैसे इसके अंतर्गत पहली बार जानवरों पर अपराध का दोषी पाये जाने पर महज़ 50 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। PETA इंडिया ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजकर PCA अधिनियम, 1960 के अंतर्गत पशु क्रूरता खिलाफ़ कठोर दंड प्रावधानों की सिफारिश करी है।
जो लोग जानवरों के प्रति क्रूरता करते हैं वे अक्सर मनुष्यों को भी नुकसान पहुँचाते हैं