PETA इंडिया ने एक बच्ची पर हुए हमले के परिणामस्वरूप मुख्यमंत्री से कुत्तों की अवैध लड़ाई हेतु इस्तेमाल की जाने वाली नस्लों पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया
हाल ही में, दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-25 में विदेशी नस्ल के आक्रामक कुत्ते द्वारा एक 7 वर्षीय लड़की के गंभीर रूप से घायल होने की घटना सामने आने के बाद, PETA इंडिया ने दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल जी को एक पत्र लिखकर उनसे अवैध लड़ाई के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पिटबुल और इसके जैसी अन्य ब्रीड्स एवं क्रॉसब्रीडस पर प्रतिबंध लगाने और बिना लाइसेंस वाली पालतू जानवरों की दुकानों और ब्रीडस पर कार्रवाई करने का आग्रह किया है।
PETA इंडिया ने अपने पत्र में उल्लेखित किया है कि UK सरकार ने XL बुली कुत्तों को उन नस्लों की सूची में शामिल किया है जो इंग्लैंड और वेल्स में प्रतिबंधित हैं। (यह नस्ल अमेरिकी बुली का एक प्रकार है।)
ऐसे कुत्तों को आमतौर पर अवैध लड़ाई हेतु इस्तेमाल करने के लिए पाला जाता है या हमलावर कुत्तों के रूप में भारी जंजीरों में रखा जाता है, जिसके कारण वे जीवन भर पीड़ा सहते हैं और भयभीत एवं रक्षात्मक बन जाते हैं। इनमें से कई पशु दर्दनाक शारीरिक विकृति का सामना करते हैं जैसे कि कान काटना जो कि एक अवैध प्रक्रिया है जिसमें लड़ाई के दौरान दूसरे कुत्ते को पकड़ने से रोकने के लिए कुत्ते के कान का एक हिस्सा काट दिया जाता है। आक्रामकता के लिए पाले गए पिटबुल और अन्य कुत्तों को अक्सर उन अनजान लोगों को बेच दिया जाता है जिन पर यह हमला कर सकते हैं या जो इन्हें नियंत्रित करने में असमर्थ होते हैं।
भारत में, जानवरों के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के तहत कुत्तों को लड़ने के लिए उकसाना गैरकानूनी है। फिर भी दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान सहित भारत के कुछ हिस्सों में कुत्तों की अवैध लड़ाइयों का आयोजन किया जाता है।
चंडीगढ़, गाजियाबाद, कानपुर और पंचकुला के नगर निगमों के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी और UK जैसे देशों ने पशु अधिकारों और मानव सुरक्षा के प्रति बढ़ती जागरूकता के परिणामस्वरूप, कुत्तों की इन ब्रीड्स को पालने और इनके प्रजनन या बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए पहले ही कदम उठाए हैं।