PETA इंडिया ने विश्व पर्यावरण दिवस पर जनता को सचेत किया: ‘वीगन जीवनशैली अपनाए नहीं तो सब समाप्त हो जाएगा’
विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून) के उपलक्ष्य में, PETA इंडिया ने बेंगलुरू, चंडीगढ़, दिल्ली, हैदराबाद और लखनऊ में बिलबोर्ड लगवाकर लोगों को पृथ्वी संरक्षण हेतु जागरूक किया एवं वैज्ञानिकों अनुसार इसे बचाने हेतु सबसे ज़रुरी कदम उठाने के आग्रह किया जो कि है: “वीगन जीवनशैली अपनाना”।
कुछ अनुमानों के अनुसार, मांस, अंडा और डेयरी के लिए पाले जाने वाले पशुओं के पालन पोषण पर दुनिया के ताजे पानी का एक तिहाई हिस्सा इस्तेमाल होता है और कुछ अनुमानों के अनुसार, इसके कारण दुनियाभर के परिवहन से होने वाले गैस उत्सर्जन से कही अधिक ग्रीनहाउस-गैस उत्सर्जन होता है। Oxford University के शोध के अनुसार, वीगन जीवनशैली अपनाने वाला हर व्यक्ति अपने कार्बन फुटप्रिंट को 73% तक कम कर सकता हैं।
आज के मांस, अंडा और डेयरी उद्योगों में भारी संख्या में पशुओं को बड़े गोदामों में कैद करके पाला जाता है। सचेत अवस्था में होने के बावजूद मुर्गियों का गला काट दिया जाता है, गायों और भैंसों को उनके प्यारे बछड़ों से जबरन अलग किया जाता है, सूअरों को दर्द निवारक दवाओं के बिना काट दिया जाता है, और मछलियों को तब तक जिंदा ही तड़पाकर मौत के घाट उतार दिया जाता है।
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