PETA इंडिया की शिकायत के बाद जोधपुर जिला SPCA के आदेशानुसार, एक अवैध डॉग हॉस्टल को बंद किया गया

Posted on by Erika Goyal

PETA इंडिया ने भारतीय जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड (AWBI), राजस्थान पशु कल्याण बोर्ड (RAWB), जोधपुर पुलिस और जोधपुर सोसायटी फॉर द प्रिवेंशन ऑफ क्रुएल्टी टू एनिमल्स (SPCA) के पास एक शिकायत दर्ज़ कराई थी जिसके अनुसार, प्रकाश खत्री द्वारा जोधपुर में “डॉग हॉस्टल” नामक एक डॉग हॉस्टल में कुत्तों को डरा-धमकाकर एवं क्रूरतापूर्ण तरीके अपनाकर प्रशिक्षित किया जा रहा था एवं इस बोर्डिंग सुविधा के पास “कुत्ता प्रजनन और विपणन नियम, 2017” के तहत पंजीकरण के अनिवार्य प्रमाण पत्र भी नहीं थे जो कि इस सुविधा को कानूनी रूप से अवैध बनाता हैं। इस शिकायत के परिणामस्वरूप, जोधपुर SPCA ने हॉस्टल के मालिक प्रकाश खत्री को हॉस्टल बंद करना का नोटिस जारी किया है। PETA इंडिया की शिकायत के आधार पर जोधपुर SPCA को राजस्थान जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड (RAWB) से कार्रवाई करने के निर्देश मिले थे। हॉस्टल मालिक को निर्देश दिया गया कि वह अपनी सुविधा में रखे गए कुत्तों को तुरंत उनके अभिभावकों को लौटा दे और इसका परिचालन बंद कर दे। अपने नोटिस में, जोधपुर SPCA ने श्री खत्री को यह चेतावनी भी दी कि कुत्तों के साथ क्रूर व्यवहार करना पशु क्रूरता निवारण (PCA) अधिनियम, 1960 की धारा 11(1) और भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 428 के अंतर्गत अपराध कि श्रेणी में आता है।

प्रकाश खत्री के “Dogloverprakash” नामक यूट्यूब चैनल पर वीडियो के माध्यम से यह बताया गया कि उनका डॉग हॉस्टल प्रशिक्षण के लिए बोर्डिंग सेवाएं प्रदान कर रहा था। यह उल्लेखनीय है कि PCA अधिनियम, 1960 के तहत बनाए गए “कुत्ता प्रजनन और विपणन नियम, 2017” के अनुसार, किसी भी बोर्डिंग केनेल संचालक को संबंधित राज्यकीय जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड के साथ पंजीकृत होना आवश्यक है, जो कि इस मामले में राजस्थान जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड (RAWB) था। जानवरों को प्रशिक्षित करने के अपमानजनक तरीकों का उपयोग करना और बिना लाइसेंस के इस प्रकार की सुविधा चलाना PCA अधिनियम और “कुत्ता प्रजनन और विपणन नियम, 2017” का स्पष्ट उल्लंघन है।

PETA इंडिया सभी पशु संरक्षकों को यह सलाह देता है कि वह कुछ समय हेतु अपने कुत्ते का ध्यान रखने के लिए केवल अपने किसी विश्वसनीय दोस्त या रिश्तेदार पर ही भरोसा करें। जब बोर्डिंग सुविधा की मदद लेना नितांत आवश्यक हो, तो अभिभावकों को पहले उसका दौरा करना चाहिए, उसके बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए कि कुत्तों को पिंजरे में बंद नहीं किया जाएगा या अन्यथा उनके साथ दुर्व्यवहार नहीं किया जाएगा।

इसी तरह, किसी कैनाइन ट्रेनर की सेवाएँ लेने से पहले, उनकी योग्यताओं को सत्यापित करना और उसके व्यवहार के बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त करना अत्यंत आवश्यक है जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि ट्रेनर द्वारा केवल अहिंसक और रिवार्ड तकनीकों का उपयोग करके कुत्तों का प्रशिक्षण किया जाता है और सभी ट्रेनिंग सेशन के दौरान पशुओं के साथ उनके अभिभावकों की उपस्थिति अत्यंत आवश्यक है।

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