इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने PETA इंडिया की अपील के परिणामस्वरूप शीशे का लेप चड़े एवं अन्य सभी तरह के तीखे माँझे के इस्तेमाल पर रोक लगाई
PETA इंडिया की एक अपील के बाद, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री, श्री भूपेंद्र यादव को पत्र लिखकर पतंगबाजी के दौरान इस्तेमाल होने वाले घातक माँझे से इन्सानों एवं पक्षियों की मौतों का मुद्दा उठाया है और नायलॉन की डोर (जिसे ‘चीनी माँझे’ की रूप में भी जाना जाता है) के साथ साथ काँच या पदार्थों का लेप चड़े तीखे माँझे के निर्माण, आयात, परिवहन, भंडारण, बिक्री, उपयोग एवं निपटान पर देशव्यापी प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया है। माँझे के कारण हर साल हज़ारों पक्षियों और निर्दोष लोगों की मौत होती है।
इस घातक माँझे का पक्षियों की आबादी पर भी गंभीर प्रभाव पड़ता है। माँझे की चपेट में आने से अक्सर पक्षियों के पंख व पैर कट जाते हैं, व वह अक्सर ऐसे गंभीर घावों एवं जख्मों के शिकार होते हैं की बचावकर्ता भी उनकी मदद नहीं कर पाते।
काँच पाउडर, मेटल एवं अन्य तीखे लेप चड़ा घातक माँझा इन्सानों, पक्षियों, अन्य जानवरों एवं पर्यावरण के लिए खतरनाक है इसकी चपेट में आने से हर साल अनेकों इन्सान चोटिल होते हैं व मौत का शिकार भी होते हैं। इसी वर्ष अगस्त माह में जमेटो के एक डेलीवेरी बॉय की चलती मोटर साईकिल के टायर में माँझा उलझ जाने से गिर कर सामने से आने वाले यातायात से चोटिल होने से उसकी मौत हो गयी थी। इस साल की शुरुआत में मुंह के सामने शीशा लगा हेलमेट और हाथ के दस्ताने पहने हुए एक मोटर साईकल चालक भी माँझे के चपेट में आ गया बुरी तरह से जख्मी होने से नहीं बच सका क्यूंकी तीखे माँझे ने उसके हेलमेट का शीशा तक काट दिया था। इस वर्ष एक अन्य युवक की तीखे काँच के लेप चड़े माँझे से गर्दन कटने से बुरी तरह घायल हो गया था। कार की सनरूफ से बाहर झाँकने पर एक सात वर्ष के बच्चे की गर्दन खुले माँझे में फसने से उसकी गर्दन एवं आँखों पर गंभीर छोटे आई।
इंसानों एवं जानवरों को तीखे माँझे की धार से बचाएँ