PETA इंडिया की शिकायत के बाद, जंगीपुर पुलिस ने मुर्गे को चीरकर इसे जिंदा खाने के आरोप में तीन अपराधियों के खिलाफ़ मामला दर्ज़ किया

Posted on by Erika Goyal

एक वायरल वीडियो में किसी लड़के द्वारा चिल्लाते हुए एक चूज़े को अपने हाथों से चीरकर उसे जिंदा खाने की भयानक फुटेज सामने आने के बाद, PETA इंडिया ने वीडियो बनाने वाले व्यक्ति एवं इस मामले में शामिल लोगों का पता लगाने और उनकी पहचान करने के लिए मुर्शिदाबाद और जंगीपुर पुलिस के साथ काम किया। इस मामले में सुती पुलिस स्टेशन द्वारा भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 34 एवं 429;  पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 की धारा 11(1)(ए) और 11(1)(एल); और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66 के तहत मामला दर्ज़ किया गया है।

इन तीनों अपराधियों में दो किशोर और एक वयस्क शामिल हैं जिन्हें पुलिस द्वारा हिरासत में ले लिया गया है। पुलिस हिरासत में लिए गए किशोरों को किशोर न्याय बोर्ड और वयस्कों को न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। वीडियो को मुख्य किशोर आरोपी के एक दोस्त द्वारा इंस्टाग्राम पर प्रकाशित किया था। PETA इंडिया द्वारा इस इंस्टाग्राम अकाउंट के माध्यम से ही सभी अपराधियों के खिलाफ़ जानकारी एकत्र की गयी है। इस घटना की सूचना देश भर के कई दयालु नागरिकों द्वारा PETA इंडिया को प्रदान की गयी थी।

PETA इंडिया पशु क्रूरता के अपराधियों की मनोदशा का मूल्यांकन और काउंसलिंग की सिफारिश करता है क्योंकि पशुओं के प्रति शोषण के कृत्य एक गहरी मानसिक अशांति को इंगित करते हैं। शोध से पता चला है कि जो लोग पशुओं के खिलाफ क्रूरता करते हैं, वह अक्सर आगे चलकर अन्य पशुओं व मनुष्यों को भी चोट पहुंचाने का प्रयास करते हैं। फोरेंसिक रिसर्च एंड क्रिमिनोलॉजी इंटरनेशनल जर्नल  में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि “जो लोग पशु क्रूरता में शामिल होते हैं, उनके अन्य अपराध करने की संभावना 3 गुना अधिक होती है, जिसमें हत्या, बलात्कार, डकैती, हमला, उत्पीड़न, धमकी और नशीली दवाओं/मादक द्रव्यों का सेवन शामिल है।”

PETA इंडिया देश के ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम’, 1960 को मजबूत करने के लिए लंबे समय से अभियान चला रहे हैं। यह कानून और इसके दंड प्रावधान बहुत पुराने और अप्रासंगिक है, जैसे इसके अंतर्गत पहली बार पशुओं पर अपराध का दोषी पाये जाने पर महज़ 50 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है, जबकि ऐसे अपराधियों के लिए भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत सख्त प्रावधानों का निर्धारण किया गया है। PETA इंडिया ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजकर PCA अधिनियम, 1960 के अंतर्गत पशु क्रूरता के खिलाफ़ कठोर दंड प्रावधानों की सिफारिश की है।

संकट में फंसे पशुओं की सहायता करें पशुओं के खिलाफ़ क्रूरता होते देख आप निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं