अभिनेत्री वेधिका और PETA इंडिया द्वारा कन्नूर के ‘एडयार श्री वडक्कुम्बद शिव विष्णु मंदिर’ को एक यांत्रिक हाथी दान में दिया गया, जिसका उद्घाटन बाल दिवस के अवसर पर श्रीपथ यान जैसे पुरस्कृत बाल अभिनेता द्वारा किया गया

Posted on by Erika Goyal

अभिनेता वेधिका और PETA इंडिया ने कन्नूर के ‘एडयार श्री वडक्कुंबद शिव विष्णु मंदिर’ को वडक्कुंबद शंकरनारायणन नामक एक यांत्रिक हाथी दान में दिया। यह निर्णय मंदिर द्वारा भविष्य में कभी भी जिंदा हाथियों का प्रयोग न करने के दयालु फैसले के बाद लिया गया है। इसका उद्घाटन बाल दिवस के अवसर पर श्रीपथ यान जैसे पुरस्कृत बाल अभिनेता और कोलायड ग्राम पंचायत के अध्यक्ष श्री रिजि एम. द्वारा किया गया। वडक्कुमबाद शंकरनारायणन का उपयोग मंदिर समारोहों को सुरक्षित एवं क्रूरता-मुक्त तरीके से आयोजित करने के लिए किया जाएगा, जिससे असली हाथियों को जंगल में अपने परिवारों के साथ रहने में मदद मिलेगी।

आज मंदिर में एक उद्घाटन समारोह का आयोजन किया गया, जिसके बाद एडयार बंधुओं द्वारा एक संगीत कार्यक्रम और प्रसिद्ध कोट्टायम पदुविलयी पंचवद्य संगम द्वारा एक पंचवद्यम की प्रस्तुति हुई।

अभिनेत्री वेधिका ने कहा, “तकनीकी नवाचार से हम अपनी गहरी सांस्कृतिक परंपराओं और विरासत को संरक्षित करने के साथ-साथ लुप्तप्राय हाथियों को उनके प्राकृतिक आवास में अपने परिवारों के साथ रहने का मौका प्रदान कर सकते हैं। इस यांत्रिक हाथी का अनावरण करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है, जो भक्तों को त्योहारों और अनुष्ठानों में सुरक्षित और पशु-अनुकूल तरीके से भाग लेने में सहायता करेगा।”

 

कोलायड ग्राम पंचायत के अध्यक्ष श्री रिजि एम. ने कहा, “इस दयालु विकल्प के माध्यम से लुप्तप्राय हाथियों को जंगल में अपने परिवारों के साथ रहने का मौका मिलेगा और यह मनुष्यों के भविष्य के लिए भी एक अच्छा निर्णय है। इससे हमारी सांस्कृतिक परंपराओं को कोई चोट नहीं पहुंचेगी बल्कि हाथियों को जंजीरों एवं दुख और पीड़ा से छुटकारा मिलेगा।”

 

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता बाल कलाकार श्रीपथ यान ने कहा, “वडक्कुंबद शंकरनारायणन बिल्कुल किसी असल हाथी की तरह दिखता है। मुझे इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का हिस्सा बनकर बहुत खुशी हुई।”

 

एडयार श्री वडक्कुम्बद शिव विष्णु मंदिर के अध्यक्ष श्री के. नारायणन नंबूथिरी ने कहा, “इस यांत्रिक हाथी से हमारी सांस्कृतिक परंपराओं को कोई चोट नहीं पहुंचेगी बल्कि हाथियों को जंजीरों एवं दुख और पीड़ा से छुटकारा मिलेगा। हमें इस हाथी का अपने मंदिर में स्वागत करके बहुत खुशी हो रही है।”

 

डयार श्री वडक्कुम्बद शिव विष्णु मंदिर के सचिव मनोज के.ई. ने कहा, “हम अपने मंदिर में वडक्कुंबद शंकरनारायणन को पाकर वास्तव में प्रसन्न हैं। वह उस करुणा और सम्मान का प्रतीक है जिसके भगवान के बनाए सभी सजीव प्राणी हकदार हैं।”

 

हाथी जंगल में रहने वाले बेहद समझदार, सक्रिय और मिलनसार पशु होते हैं। प्रदर्शनों हेतु उपयोग करने के लिए इन कैदी पशुओं का मानसिक मनोबल मार-पीटकर और विभिन्न प्रकार की यातनाएँ देकर पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाता है । मंदिरों और अन्य स्थानों पर बंदी बनाकर रखे गए हाथियों को जंजीरों से जकड़कर घंटों तक कंक्रीट की ज़मीन पर खड़े रहने के लिए बाध्य किया जाता है जिस कारण उन्हें पैरों के दर्दनाक घावों और समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इनमें से अधिकांश पशुओं को पर्याप्त भोजन, पानी, पशु चिकित्सकीय देखभाल और प्राकृतिक परिवेश से वंचित रखा जाता है। इस प्रकार की दयनीय परिस्थितियों के चलते कई हाथी अत्यधिक निराशा का सामना करते हैं और हमला करके अपने महावत या आसपास के लोगों को मौत के घाट उतार देते हैं। ‘हेरिटेज एनिमल टास्क फोर्स’ द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, केरल में बंधी हाथियों ने पिछले 15 साल की अवधि में 526 लोगों की जान ली है। केरल में विशेष अवसरों पर सबसे ज़्यादा उपयोग होने वाले थेचिक्कोट्टुकावु रामचंद्रन नामक लगभग 40 वर्षों से बंधक हाथी ने कथित तौर पर 13 जनों को मौत के घाट उतारा है जिसमें छह महावत, चार महिलाएं और तीन अन्य हाथी शामिल हैं।

PETA इंडिया हाथियों का उपयोग करने वाले सभी स्थानों और कार्यक्रमों को वास्तविक हाथियों की बजाय रोबाटिक हाथियों या अन्य विकल्पों को इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करता है। PETA इंडिया द्वारा पहले भी पाँच मंदिरों को धार्मिक कर्मकांडों, उत्सवों, या किसी अन्य उद्देश्य के लिए जीवित हाथियों या अन्य पशुओं को इस्तेमाल ना करने की दयालु प्रतिज्ञा के बाद यांत्रिक हाथी दान किए गए हैं। इनमें अभिनेत्री पार्वती थिरुवोथु द्वारा समर्थित त्रिशूर के इरिंजडापिल्ली श्री कृष्ण मंदिर में इरिंजडापिल्ली रमन, अभिनेत्री प्रियामणि द्वारा समर्थित कोच्चि के थ्रीक्कयिल महादेव मंदिर में महादेवन; अभिनेता ऐंद्रिता रे और दिगंत मनचले द्वारा समर्थित मैसूर के जगद्गुरु श्री वीरसिम्हासन महासंस्थान मठ में शिवा और अभिनेत्री अदा शर्मा द्वारा समर्थित तिरुवनन्तपुरम के पौर्णमिकवु मंदिर में बालाधासन नामक हाथी शामिल हैं। चौथा, शंकर हरिहरन, गुडलुर में श्री शंकरन मंदिर में उपयोग किया जाता है, जिसे एक अन्य NGO द्वारा दान किया गया है।

 

श्री सिद्धलिंगेश्वर स्वामी मंदिर एक प्राचीन मंदिर और एक प्रतिष्ठित तीर्थस्थल है जो श्री सिद्धलिंगेश्वर स्वामी को समर्पित है, जिन्हें मंदिर के मुख्य देवता भगवान शिव का अवतार माना जाता है। मंदिर में 15वीं सदी के श्रद्धेय लिंगायत संत श्री टोंटाडा सिद्धलिंग की निर्विकल्प शिवयोग समाधि भी है। यह पूजनीय स्थल एक वास्तुशिल्प उत्कृष्ट कृति है जो प्राचीन कर्नाटक की जटिल शिल्प कौशल और वास्तुशिल्प कौशल को प्रदर्शित करता है। यह मंदिर अपने गहरे आध्यात्मिक परिवेश के लिए जाना जाता है और यहाँ सालाना हजारों भक्त और पर्यटक दर्शन करने आते हैं। अपने समृद्ध इतिहास, श्रेष्ठ वास्तुकला और आध्यात्मिक महत्व के कारण यह मंदिर शांतिप्रिय और सांस्कृतिक संवर्धन में रुचि रखने वाले लोगों के लिए बेहद दर्शनीय है।

हाथियों को क्रूर प्रदर्शनों से बचाएं