PETA इंडिया की ओर से लिटिल मिलेनियम की इवेंट्स हेड को कंपैशनेट एजुकेटर अवार्ड
5 सितंबर को, PETA इंडिया ने छोटे बच्चों में पशुओं के प्रति सहानुभूति को प्रोत्साहित करने और एक दयालु समाज के निर्माण में मदद करने के लिए उनकी उत्कृष्ट पहल के लिए, लिटिल मिलेनियम प्रीस्कूलों की इवेंट्स एंड स्ट्रेटेजिक अलाएंस की हैड ‘नेहा वाज़’ को अनुकंपा शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया।
पशु संरक्षण के प्रति नेहा वाज़ का जुनून बचपन से ही शुरू हो गया था। उन्होंने 2012 में सबसे पहले बिल्ली के एक बच्चे, “लॉरा” को बचाया और तब से, वह जानवरों के बचाव, पालन-पोषण और गोद लेने जैसे गतिविधियों में शामिल हो गई हैं। आगे बढ़ते हुए 2014 में, फीनिक्स मार्केटसिटी, पुणे में भारत का पहला वीगन फेस्ट आयोजित किया, जिसमें 30 से अधिक संगठन और 3500 लोग शामिल हुए। इस महत्वपूर्ण आयोजन में पूरे भारत में इसी तरह की अन्य पहल करने को प्रेरित किया, जिससे वीगन ब्रांडों को जानने का क्रूरता-मुक्त जीवन को बढ़ावा देने का अवसर मिला।
नेहा वाज़ ने लिटिल मिलेनियम स्कूलों में छात्रों के बीच पशु अधिकारों का संदेश फैलाने में सक्रिय भूमिका निभाई है। मई 2024 में, उन्होंने PETA इंडिया के पर्यावरण दिवस “बाउल ऑफ केयर” अभियान का समर्थन किया, जिसमें बच्चों को सामुदायिक पशुओं को स्वच्छ पेयजल देने हेतु मिट्टी के कटोरे वितरित किए पशुओं को गर्मी के दौरान प्यास बुझाने में मदद करने के महत्व पर शिक्षित किया गया, जिससे बच्चों में सहानुभूति की भावना पैदा हुई। यह पहल भोपाल, लखनऊ, मुंबई और सूरत सहित शहरों में 2400 से अधिक बच्चों तक पहुंची।
नेहा वाज़ ने एली, PETA इंडिया की विशालकाए रोबोट हथिनी के दौरे के आयोजन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ऐली को अभिनेत्री दीया मिर्जा ने अपनी आवाज दी है और यह स्कूली बच्चों को सर्कस या सवारी, समारोहों में उपयोग किए जाने वाले वास्तविक हाथियों के दर्दनाक जीवन पर अपनी आपबीती सुनाती है। नेहा के इन प्रयासों के कारण, 3600 से अधिक छात्रों को अहमदाबाद, दिल्ली, हैदराबाद, पुणे और वडोदरा में एली से मिलने और सीखने का अवसर मिला। मई 2023 में ऐली के लॉन्च के बाद से, वह 1 लाख से अधिक युवा शिक्षार्थियों तक पहुंच चुकी है, और उन्हें मनोरंजन के लिए जानवरों का उपयोग बंद करने के लिए प्रेरित कर रही है।
PETA इंडिया 8 से 12 साल के छात्रों को पशुओं को बेहतर ढंग से समझने और उनकी सराहना करने में मदद करने के लिए “अनुकंपा नागरिक” नाम से एक मुफ्त मानवीय शिक्षा कार्यक्रम भी चलाता है। यह कार्यक्रम 2 लाख से अधिक स्कूलों द्वारा चलाया जा रहा है पूरे भारत में लगभग 9.3 करोड़ बच्चों को पशुओं से मुद्दों पर जागरूक कर चुका है।
अपने स्कूली शिक्षण पाठ्यक्रम में अनुकंपा नागरिक कार्यक्रम शामिल करें