‘लिटिल मिलेनियम स्कूल’ के बच्चे ने PETA इंडिया के साथ मिलकर पशुओं के मुखौटे पहनकर सामुदायिक पशुओं के लिए पानी के कटोरे वितरित किए

Posted on by Shreya Manocha

PETA इंडिया के लिटिल मिलेनियम स्कूल में पढ़ने वाले छोटे-छोटे समर्थकों ने लखनऊ और सूरत में पशुओं के मुखौटे पहनकर नि:शुल्क पानी के कटोरे बाटें और इस दयालु पहल के ज़रिये जनता को तप्ति गर्मी एवं बढ़ते तापमान के बीच पशुओं को हीटस्ट्रोक और निर्जलीकरण से बचाने हेतु प्रेरित करेंगे।

 

 

लिटिल मिलेनियम एजुकेशन के CEO साजिद अली ने कहा, “हमें PETA इंडिया के साथ मिलकर पशुओं के लिए पानी के कटोरे वितरित करने की घोषणा करते हुए अत्यंत खुशी हो रही है। हमारे सभी छात्र पशु हित में एक सकारात्मक बदलाव लाने के लिए बहुत उत्सुक हैं। आइए, साथ मिलकर बच्चों को दयालुता एवं करुणा का पाठ पढ़ाएं और हर पशु के लिए साफ पानी उपलब्ध कराएं। हमारा स्कूल छात्रों को दयालुता का पाठ पढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है, क्योंकि हम जानते हैं कि दयालु बच्चे बड़े होकर जिम्मेदार नागरिक बनते हैं।“

इंसानों के विपरीत, कुत्ते केवल अपने पैरों के पंजे से पसीना बहा सकते हैं और हांफकर खुद को ठंडा कर सकते हैं। जिन पक्षियों के शरीर में पसीने की ग्रंथियां नहीं होती हैं, वे खुद को ठंडा करने के लिए हांफते हैं या छाया की तलाश करते हैं। उच्च तापमान हीट स्ट्रेस का कारण बन सकता है जिससे पशुओं की मृत्यु भी हो सकती है। भारत की सड़कों पर, बेघर पशुओं को विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जिसमें भुखमरी, दुर्व्यवहार और दुर्घटनाएँ शामिल हैं। इनमें से कई कुत्ते और बिल्लियाँ को अपना पूरा जीवन आश्रयघरों में बीताना पड़ता है। ब्रीडर्स या पालतू पशुओं की दुकानों से पशु खरीदने के कारण, केवल पशु बेघरी की समस्या में बढ़ौतरी होती है।

PETA इंडिया जनता से अनुरोध करता हैं कि अधिक गर्मी पड़ने पर अपने पशु साथियों को घर के अंदर ही रखें और उन्हें कभी भी खड़ी कारों के अंदर न छोड़ें, जहां वे कुछ ही मिनटों में हीटस्ट्रोक का शिकार हो सकते हैं।

बढ़ते तापमान के बीच जानवरों को तप्ति गर्मी से बचाव के कुछ सुझाव संकटग्रस्त पशुओं को बचाने के कुछ सुझाव