मधुबनी: PETA इंडिया की शिकायत के बाद दो साहियों (Porcupines) को अवैध कैद से बचाया गया और एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया

Posted on by Erika Goyal

एक वीडियो के माध्यम से यह जानकारी मिलने के बाद कि ‘वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम (WPA), 1972’ के अंतर्गत संरक्षित प्रजाति के दो भारतीय साही (Indian Porcupines – हिस्ट्रिक्स इंडिका) को अवैध रूप से एक छोटे से पिंजरे में कैद करके रखा गया है,  PETA इंडिया ने बिहार वन विभाग के मिथिला वन प्रभाग के साथ मिलकर तत्कालिक रूप से कार्रवाही करते हुए संबंधित अपराधी के खिलाफ़ वन्यजीव अपराध रिपोर्ट (WLOR) दर्ज कराई।

कथित तौर पर इन पशुओं को एक दुकान में बंधी बनाकर रखा गया था जिसका पता वार्ड नंबर 5, जयनगर, मधुबनी – 847 226 है। इस मामले में 19 दिसंबर को इन साहियों को अवैध कैद में रखने वाले अपराधी विकास कुमार के खिलाफ़ WPA, 1972 की धारा 9, 39 और 49 (बी) के तहत मामला दर्ज किया गया था। इन दोनों पशुओं को सुरक्षित बचा लिया गया है और तिरहुत वन प्रमंडल, मुजफ्फरपुर के पशु चिकित्साकीय पदाधिकारी द्वारा इनकी स्वास्थ्य जांच करी गई। इन पशुओं को सभी प्रकार की चिकित्सीय जांच के बाद, इनके प्राकृतिक आवास में वापस छोड़ दिया गया। WPA की अनुसूची I के तहत संरक्षित प्रजातियों के खिलाफ किसी भी अपराध के लिए कम से कम तीन साल की जेल की सजा, जिसे सात साल तक बढ़ाया जा सकता है, और कम से कम ₹25,000 के जुर्माने का प्रावधान है।

भारतीय साही का शिकार मांस के लिए किया जाता है और इनकी कलमों का इस्तेमाल पारंपरिक औषधियों, आभूषणों और गुड लक चार्म के रूप में किया जाता है।

पशु क्रूरता के खिलाफ़ कुछ महत्वपूर्ण कदम