मध्य प्रदेश वन विभाग ने भारत के सबसे दुर्बल हथिनी की अंतरिम देख- रेख की ज़िम्मेदारी PETA इंडिया को सौंपी
मध्य प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) श्री आलोक कुमार जी के कार्यालय द्वारा बीते शुक्रवार को ज़ारी एक आदेश के अनुसार, पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया को बेहद कमजोर व दुर्बल हथिनी – “लक्ष्मी” के लिए पशु चिकित्सकीय सुविधा, भोजन-पानी एवं अन्य ज़रूरी सुविधाएँ प्रदान करने की अंतरिम ज़िम्मेदारी सौंपी है। वर्तमान में यह हथिनी छतरपुर ज़िले के बड़ा मल्हेरा स्थित स्थानीय वन विभाग के कार्यालय में है। इस आदेश में, जिला वन अधिकारियों को PETA इंडिया के साथ मिलकर लक्ष्मी की देखभाल करने हेतु निर्देशित किया गया है। इस कैदी हथिनी को छतरपुर ज़िले की पथरीली सड़कों पर भीख मंगवाने के लिए जबरन प्रयोग करते पाया गया था।
यह निर्णय PETA इंडिया द्वारा मध्य प्रदेश वन विभाग, केंद्र सरकार के भारतीय जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के प्रोजेक्ट एलीफेंट डिवीजन से तत्काल हस्तक्षेप हेतु किए गए अनुरोध के बाद लिया गया है।
वन विभाग और PETA इंडिया के पशु चिकित्सकों द्वारा की गई जांच में निष्कर्ष निकाला गया कि लक्ष्मी पुरानी गठिया और जोड़ों की विकृति से पीड़ित है जिसके कारण वह बेहद दर्द में हैं और लम्बे समय से भोजन-पानी के आभाव के कारण वह शारीरिक रूप से बहुत कमज़ोर है। उसे जोड़ों के दर्द के लिए, और कूल्हों पर फोड़े और बाएं कान के घावों को नियमित रूप से साफ कर उपचार दिया जा रहा है। यह चोट संभवतः अंकुश नामक लोहे के हथियार के कारण लगी थी। लक्ष्मी को 1 दिसंबर को स्थानीय कार्यकर्ताओं और PETA इंडिया के स्वयंसेवकों द्वारा बचाया गया था।
जैसा कि भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड व राज्य वन विभाग की बहुत सी निरीक्षण रिपोर्टों से पता चलता है, देश में अधिकांश हाथियों को अवैध रूप से कैद में रखा गया है क्यूंकि वन विभाग से आवश्यक अनुमति लिए बिना उनकी हिरासत किसी अन्य को स्थानांतरित कर दी जाती है व बिना किसी अनुमोदन के उन्हें एक से दूसरे राज्य में भेज दिया जाता है।
मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान एवं वन मंत्री डॉ. कुँवर विजय शाह को भारत की सबसे दुर्बल एवं कमजोर हथिनी को पुनर्वास में भेजने का अनुरोध करें।