महाराष्ट्र पुलिस और PETA इंडिया ने घोड़ों को नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दर्जनों काँटेदार लगामों का प्रदर्शन किया
मानसून के मौसम की शुरुआत के साथ ही महाबलेश्वर, माथेरान और पंचगनी जैसे पर्यटक स्थलों पर बड़ी संख्या में पर्यटकों के आगमन की शुरुआत हो गयी है और इसी बीच 12 जुलाई को PETA इंडिया और महाराष्ट्र पुलिस ने पुणे में कलेक्टर कार्यालय के बाहर 100 से अधिक काँटेदार लगामों का प्रदर्शन किया और जनता से अपनी शादियों और पहाड़ी यात्राओं का आनंद घोड़ों को कष्ट दिए बिना उठाने का आह्वान किया। पुलिस ने कोल्हापुर, महाबलेश्वर, माथेरान और पंचगनी में घोड़ों के मालिकों से घोड़ों का मुंह चीरने वाली काँटेदार लगामों को जब्त किया। इन काँटेदार लगामों को ख़ासतौर पर जानवरों के मुंह में पहनाकर उनको पीड़ित करने के लिए बनाया जाता है जो कि “पशु क्रूरता निवारण – ड्रोट एवं पैक नियम 1965” के नियम 8 का स्पष्ट उल्लंघन है।
PETA इंडिया कई राज्यों में किए गए सर्वेक्षण के नतीजों के परिणामस्वरूप एक देशव्यापी अभियान चलाकर पुलिस की काँटेदार लगामों पर लगाए गए प्रतिबंध को लागू करने में सहायता कर रहा है। PETA इंडिया द्वारा संपर्क किए जाने के बाद, महाराष्ट्र के पशुपालन विभाग ने 19 मार्च 2020 को एक सर्कुलर जारी कर कलेक्टर और जिला पशुपालन उपायुक्त को काँटेदार लगामों पर प्रतिबंध लागू करने का निर्देश दिया और यह भी अनुरोध किया कि राज्य के मुख्य सचिव इनके निर्माण एवं बिक्री पर रोक लगाने हेतु नियमों को अधिसूचित करें।
PETA इंडिया द्वारा संपर्क किए जाने के बाद, असम, बिहार, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश सहित कई अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने भी इस प्रतिबंध को लागू करने के आदेश जारी किए। PETA इंडिया द्वारा न केवल अवैध रूप से इस्तेमाल किए गए उपकरणों की तलाश करके उन्हें जब्त करने के लिए अभियान चलाया गया, बल्कि हम इस दिशा में कडा कानून बनाए जाने के लिए भी प्रयास कर रहे हैं जो इस प्रकार के यातना उपकरणों के निर्माण करने जैसी खामियों पर रोक लगा सके।
अवैध काँटेदार लगामों के प्रयोग पर प्रतिबंध लगवाने में हमारी सहायता करें