PETA इंडिया की तात्कालिक कार्यवाही के बाद विजयवाड़ा वन विभाग द्वारा हफ्तों तक कैदी रखे गए बंदरों को रेसक्यू किया गया
एक जागरूक नागरिक द्वारा जानकारी मिलने के बाद, PETA इंडिया ने विजयवाड़ा के वन विभाग अधिकारियों के साथ मिलकर स्थानीय डाइरेक्टरेट ऑफ मेडिकल एडुकेशन (DME) ऑफिस कार्यालय के परिसर में कथित रूप से हफ्तों से कैद भूखे-प्यासे बंदरों को सफलतापूर्वक ढंग से रेसक्यू किया।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि इन बंदरों को DME परिसर में प्रवेश करने के कारण कैद किया गया था और यह सभी जानवर इतने डरे थे कि इन्होंने स्वयं को और एक-दूसरे को चोटिल करना शुरू कर दिया था। वन विभाग ने शिकायत के एक घंटे के भीतर बंदरों को छुड़ाया और मेडिकल चेकअप के बाद पास के जंगल में छोड़ दिया। बंदरों को पकड़ना वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 (WPA) की धारा 9, 39 और 51 का घोर उल्लंघन है।
लाभ के लिए बंदरों का शोषण करना और उन्हें कैद में रखना WPA के तहत गैरकानूनी है एवं इसके लिए तीन साल तक की जेल और 25,000 रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।
जानवरों के प्रति क्रूरता या उनसे जुड़ी आपात स्थितियों को रिपोर्ट करने के लिए, कृपया PETA इंडिया को (0) 98201 22602 पर कॉल करें।
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