मुंबई: प्रयोगशाला में पीड़ित विशाल ‘बंदर’ ने एथीओपियन एयरलाइंस के क्रूर शिपमेंट के खिलाफ़ आवाज़ उठाई

Posted on by Shreya Manocha

अंधेरी ईस्ट में इथियोपियन एयरलाइंस के कार्यालय बाहर PETA इंडिया के समर्थकों के साथ एक बड़ा सा घायल और परेशान “बंदर” प्रदर्शन में शामिल हुआ। इस प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य ‘इथियोपियाई एयरलाइंस’ से परीक्षण हेतु उपयोग होने वाले लंबी पूंछ के मकाक प्रजाति के बंदरों के परिवहन को रोकने का आग्रह करना था। कथित तौर पर, इस एयरलाइन का अवैध अंतरराष्ट्रीय बंदर-तस्करी गिरोह से संबंध है और इनके द्वारा पैसेंजर एयरप्लेन के कार्गो होल्ड्स में हजारों बंदरों को कैद करके मॉरीशस और दक्षिण पूर्व एशिया परिवाहित किया जाता है। जबकि एयरलाइंस द्वारा PETA एशिया को पहले सूचित किया गया था कि उनकी इस अवैध प्रथा के खिलाफ़ पॉलिसी  है।

इस साल की शुरुआत में एक अमेरिकी अदालत में पेश की गई गवाही और सबूतों के अनुसार, इथियोपियाई एयरलाइंस ने सैकड़ों बंदरों से भरे कई शिपमेंट का परिवहन किया है, जिन्हें कथित तौर पर उनके प्राकृतिक घर यानी जंगलों से अवैध रूप से चुराया गया था। पिछले साल, अमेरिकी कृषि विभाग ने पशु संरक्षण कानूनों के कई उल्लंघनों के लिए एयरलाइन को दोषी ठहराया था, जिसमें 336 बंदरों को पर्याप्त भोजन-पानी की सुविधा से वंचित रखकर और लकड़ी के छोटे-छोटे बक्सों में ठूंसकर मॉरीशस से लगभग 10,000 मील की दूरी तय करके अमेरिका परिवाहित करना शामिल है। इन बंदरों को अमेरिका के जॉर्जिया स्थित एक हवाईअड्डे पर 29 डिग्री की गर्मी में कम से कम 95 मिनट के लिए छोड़ दिया गया था। US federal citations के अनुसार, एयरलाइन ने अनिवार्य स्वास्थ्य प्रमाणपत्र के बिना 584 बंदरों को अमेरिका में आयात भी किया था।

 

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एक देश से दूसरे देश ले जाए जाने वाले बंदर अक्सर मानव स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर ख़तरा साबित होते हैं। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने स्वीकार किया है कि पिछले तीन वर्षों में अमेरिका में आयातित बंदरों ने कई गंभीर बीमारियों और रोगजनकों को जन्म दिया है जिसमें टीबी और बायोटेररिज्म एजेंट के रूप में वर्गीकृत एक खतरनाक जीवाणु शामिल है।

एथीओपियन एयरलाइंस से लुप्तप्राय प्रजाति के बंदरों को उनकी बेरहम मौत की तरफ परिवाहित न करने का आग्रह करें!