मैसूर: PETA इंडिया की शिकायत के बाद मंदिर परिसर में मुर्गे की बलि देने के मामले में FIR दर्ज की गई
यह जानकारी प्राप्त होने के बाद कि मैसूर के येलवाला में श्री प्रत्यंगिरा योगेश्वरी भगवती मंदिर में एक मुर्गे की बलि दी गई थी, PETA इंडिया ने मैसूर ग्रामीण पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर FIR दर्ज कराने का कार्य किया। इस बलि का वीडियो भी उपलब्ध है एवं यह कृत्य सरेआम जनता के सामने किया गया। मुर्गे की बलि देने वाले व्यक्ति को इस निर्दोष पशु को गहन यातना देते हुए, उसकी गर्दन को मरोड़ते हुए, उसके पंखों को नोचते हुए, फिर उसका गला काटते हुए और उसके कटे हुए सिर को हवा में उछालते हुए देखा जा सकता है।
संबंधित FIR को कर्नाटक पशु बलि रोकथाम अधिनियम, 1959 की धारा 3, 5 और 6 और भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 34 और 429 के तहत दर्ज किया गया है।
मांस के लिए जानवरों की बलि और हत्या के संबंध में दो मामलों पर आदेशों के माध्यम से, सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि जानवरों को केवल आधिकारिक रूप से लाइसेंस प्राप्त बूचड़खानों में ही वध किया जा सकता है और नगरपालिका अधिकारियों को इस फैसले का अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए। पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण (वधशाला) नियम, 2001, और खाद्य सुरक्षा और मानक (खाद्य व्यवसायों का लाइसेंस और पंजीकरण) विनियम, 2011 के अंतर्गत लाइसेंस प्राप्त बूचड़खानों में कुछ विशिष्ट उपकरणों का प्रयोग कर केवल भोजन के लिए जानवरों के वध की अनुमति दी गई है।
गुजरात, केरल, पुडुचेरी और राजस्थान में पहले से ही ऐसे कानून हैं जो मंदिर या उसके परिसर में किसी भी जानवर के धार्मिक बलिदान को प्रतिबंधित करते हैं। आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना राज्य धार्मिक स्थल या उसके परिसर में, सार्वजनिक स्थल पर धार्मिकता से जुड़े किसी भी कार्यक्रम या जुलूस में पशुओं की बलि को प्रतिबंधित करता हैं।
आप पशु बलि को रोकने हेतु यह कदम उठा सकते हैं
पशु बलि को समाप्त करने के लिए कानूनी संशोधन कराने में मदद करें