नरसिंहपुर: PETA इंडिया के हस्तक्षेप के बाद कुत्ते के पाँच बच्चों की हत्या के मामले में एफआईआर दर्ज
सामुदायिक कुत्ते के पांच बच्चों की भीषण हत्या के बाद, PETA इंडिया ने मामले की साईंखेड़ा पुलिस स्टेशन में प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज करायी है। इस भयानक क्रूरता की सूचना हमें ग्राम पंचायत मेहरागांव की सरपंच श्रीमती माया विश्वकर्मा जी से मिली थी।
यह घटना 04 दिसंबर को ग्राम पंचायत, मेहरागांव, साईंखेड़ा, नरसिंहपुर – 422 210 में हुई, जहां आरोपी, जिसका नाम श्री फूला कहार है, ने कथित तौर पर कुत्ते के पाँच नन्हें बच्चों को एक गत्ते के डिब्बे में भरकर ग्राम पंचायत परिसर में फेंक दिया, जिससे उनकी हालत गंभीर होने से मौत हो गई । अभियुक्त के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 325 के तहत एफ आई आर दर्ज की गई है, जो किसी भी पशु को अपंग करने या मारने को संज्ञेय अपराध बनाती है और इस धारा के तहत दोषी पाए जाने पर पांच साल तक की जेल, जुर्माना या फिर दोनों का प्रावधान है।
PETA इंडिया अनुशंसा करता है कि पशुओं के साथ दुर्व्यवहार करने वालों का मनोचिकित्सकीय मूल्यांकन होना चाहिए और उन्हें परामर्श प्राप्त करना चाहिए, क्योंकि पशुओं के साथ दुर्व्यवहार करना एक गहरी मनोवैज्ञानिक अशान्ति का संकेत है। अनुसंधान से पता चलता है कि जो लोग पशुओं के प्रति क्रूरता करते हैं, वे अक्सर बार-बार अपराध करने वाली धारणा के शिकार होते हैं जो मनुष्यों सहित अन्य पशुओं को चोट पहुंचाते हैं। फोरेंसिक रिसर्च एंड क्रिमिनोलॉजी इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है, “जो लोग पशुओं के साथ क्रूरता करते हैं उन्मे सामान्य लोगों की तुलना अपराध करने की संभावना [तीन] गुना अधिक होती है, जिनमें हत्या, बलात्कार, डकैती, हमला, उत्पीड़न, धमकी और नशीली दवाओं या मादक पदार्थों का सेवन जैसी आपराधिक प्रवत्तियाँ शामिल हैं”।
PETA इंडिया ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960’ को मजबूत करने के लिए लंबे समय से अभियान चलाया हुआ है, जिसमें पुराने, अपर्याप्त दंड शामिल हैं, जैसे कि पशुओं पर क्रूरता का पहली बार दोषी पाए जाने पर महज 50 रुपये तक का जुर्माना है (हालांकि बीएनएस, 2023 कड़ी सजा का प्रावधान है)। पीसीए अधिनियम में संशोधन के संबंध में केंद्र सरकार को भेजे गए एक प्रस्ताव में, PETA इंडिया ने पशुओं पर क्रूरता के लिए दंड में उल्लेखनीय वृद्धि करने की सिफारिश की है।