नोएडा: PETA इंडिया के हस्तक्षेप के बाद भारतीय प्रजाति के अजगर के साथ दुर्व्यवहार करने वाले दो अपराधियों के खिलाफ़ मामला दर्ज

Posted on by Shreya Manocha

PETA इंडिया को कुछ वीडियो के माध्यम से एक अजगर के साथ हुए दुर्व्यवहार के बारे में जानकारी मिली थी जिसके बाद हमने गौतम बुद्ध नगर के वन प्रभाग के साथ मिलकर कथित अपराधियों के खिलाफ़ POR दर्ज़ कराने का काम किया। भारतीय अजगर की यह प्रजाति ‘वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम (WPA) 1972’ की अनुसूची ‘I’ के तहत संरक्षित है। इस पीड़ित अजगर को रेस्कयू करके सुरक्षित रूप से वापस इसके प्राकृतिक परिवेश यानी जंगल में छोड़ दिया गया है।

यह घटना 6 अक्टूबर को ATS होमक्राफ्ट हैप्पी ट्रेल्स सोसाइटी, सेक्टर 10, ग्रेटर नोएडा – 201 318 में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान हुई। इस आयोजन के दौरान, अजगर के सिर को जबरन एक आरोपी के मुंह में डालकर उसके दांतों के बीच फंसाया गया था, जिससे सांप का जबड़ा उसके दांतों के बीच दब गया। यह POR दो अपराधियों के खिलाफ़ WPA, 1972 की धारा 9, 39, 48, 49 और 51 के तहत दर्ज करी गयी है। यह एक गैर-जमानती अपराध है जिसके खिलाफ़ कम से कम तीन साल की जेल की सजा, जिसे सात साल तक बढ़ाया जा सकता है और न्यूनतम 25,000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।

सांपों को सपेरों द्वारा WPA, 1972 की अवहेलना करते हुए पकड़ा जाता है और उनके प्राकृतिक आवास से दूर कर दिया जाता है।  उनके दांतों को तोड़ कर निकाल दिया जाता है; उनके सिर की मांसपेशियों को दर्दनाक रूप से दबाकर उनके जहर के ग्रन्थि को खाली किया जाता है; और उनके मुंह को जबरन बंद किया जाता है जिसमें केवल पानी या दूध डालने के लिए थोड़ा सा गैप छोड़ दिया जाता है। बंदी सांपों में से कोई भी बहुत लंबे समय तक जीवित नहीं रह पाता, और उन्हें धीमी और दर्दनाक मौत का सामना करना पड़ता है।

पशु क्रूरता के खिलाफ़ कुछ महत्वपूर्ण कदम