“अमूल” के विवादास्पद विज्ञापन के बाद, PETA इंडिया का नया बिलबोर्ड विज्ञापन अभियान लॉंच, इसमे ऑस्कर विजेता जैकिन फिनिक्स प्रजातिवाद का विरोध कर रहे हैं।
मशहूर हॉलीवुड अभिनेता ‘जैकिन फीनिक्स’ वीगन है व ऑस्कर जीतने के बाद उन्होने अपने भाषण में डेयरी उद्योग की क्रूरता व पशुओं पर होने वाले अत्याचारों की बात की थी। ऑस्कर के उपरांत अमूल कंपनी ने उन पर तंज़ कसते हुए एक व्यंगात्मक विज्ञापन बनाया था जिसमे एक बच्चा ‘जैकिन’ को मख्खन खिला रहा था। अमूलके इस विज्ञापन के बाद PETA इंडिया ने बिलबोर्ड अभियान लॉन्च करते हुए फिल्म जोकर में मुख्य किरदार निभाने वाले ने हॉलीवुड अभिनेता ‘जैकिन फीनिक्स’ के बड़े बड़े बिलबोर्ड को बेंगलुरु, दिल्ली और मुंबई में मुख्य स्थानों पर लगाया है । इस अभियान में जैकिन फिनिक्स अपने प्रशंसकों को बता रहे हैं कि “हम सब जानवर हैं”
यह बिलबोर्ड अभियान लोगों को वीगन जीवन शैली अपनाने वा प्रजातिवाद को ख़त्म करने के लिए प्रेरित करता है क्यूंकि मनुष्य की यह सामान्य धारणा है कि असाधारण प्रतिभाशाली, क्षमतावान और बुद्धिमान होने के बावजूद भी सभी जानवर मनुष्य से कमजोर हैं। मनुष्य की इसी सोच के चलते जानवरों का शोषण होता है। अमूल कंपनी द्वारा लगाए गए विवादास्पद विज्ञापन पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए PETA इंडिया ने अमूल कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर आर. एस सोढ़ी को एक पत्र भेजकर कंपनी को पौधों से बने उत्पादों का निर्माण करने का आग्रह किया है।
The joke’s on you @Amul_Coop
In his #Oscar speech, #JoaquinPhoenix spoke against dairy cruelty. https://t.co/lmJPialU9g
Do the cows a favour and switch to making soya, almond, oat or other plant milk. https://t.co/vdjqXk9hxl
— PETA India (@PetaIndia) February 11, 2020
3 वर्ष की उम्र से वीगन जीवनशैली जी रहे हॉलीवुड अभिनेता जैकिन फीनिक्स कहते हैं- “जब हम किसी जानवर की नजर से दुनिया को देखते हैं तब भी यह दुनिया हमें वैसी ही दिखाई देती है इसलिए इस दुनिया में रहने वाले सभी प्राणियों का जीवन पीड़ा एवं शोषण मुक्त होना चाहिए।“
अंडा, माँस एवं डेयरी उद्योग पर की गयी जाँच का खुलासा करते हुए PETA इंडिया ने अपने “ग्लास वॉल्स” वीडियो में इन उद्योगो में जनवारों पर होने वाली क्रूरता को उजागर किया है। सुअर की छाती में छुरा घोंप कर उसके दिल के आरपार कर दिया जाता है और वह दर्द से चिल्लाता है। जिंदा होने के बावजूद मुर्गियों के गले काट दिए जाते हैं, मछलियों को पानी से निकाल कर बाहर फेंक दिया जाता है व दम घुटकर मरने के लिए मजबूर किया जाता है, नर बछड़े दूध नहीं दे सकते इसलिए जन्म के कुछ समय बाद ही उन्हें उनकी माताओं से दूर कर दिया जाता है और मरने के लिए बूचड़खाने भेज दिया जाता है ताकि उसके हिस्से का दूध मनुष्य के काम आ सके। आमतौर पर, बूचड़खाने में सचेत अवस्था में होने के बावजूद जानवरों को खुले में एक-दूसरे के सामने ही काट दिया जाता है।
मांस का सेवन मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है। मांस, अंडा और डेयरी उत्पाद खाने से कैंसर, हृदय रोग, स्ट्रोक, मधुमेह और मोटापे जैसी बीमारियां हो जाती हैं। इसके अलावा, संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट ने निष्कर्ष निकाला है कि, जलवायु परिवर्तन के सबसे बुरे प्रभावों से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर वीगन भोजन को बढ़ावा देने की सख्त आवश्यकता है ।
हाल ही में, फीनिक्स ने PETA US के लिए, ऊन के खिलाफ एक अभियान में एक वीगन (जो कि जानवरों से प्राप्त सामग्री से मुक्त है) सूट पहना था जिसपर लिखा था “क्रूरता मुझे शोभा नहीं देती।
मानवीय जीवनशैली अपनाने की दिशा में एक कदम बढ़ाए -वीगन बनें!