PETA इंडिया के नए वीगन अभियान में “पलक तिवारी” जलपरी बनी हैं।
PETA इंडिया के नए विज्ञापन अभियान में अभिनेत्री पलक तिवारी जलपरी के रूप में समुद्र के अंदर एक चट्टान पर बैठी नजर आयी। PETA इंडिया का यह विज्ञापन ‘वीगन जागरूकता माह (अक्टूबर)’ पर जागरूकता हेतु लॉन्च किया गया है जो यह संदेश देता है कि मछलियों को अपना भोजन ना बनाए और उन्हें उन महासागरों में रहने दें जहां वे हैं। विश्व पशु दिवस (4 अक्टूबर) पर लॉन्च किए गए इस आकर्षक अभियान को प्रमुख फोटोग्राफर तेजस नेरुरकर ने शूट किया, बाल और मेकअप मेघना बुटानी ने किया और स्टाइलिंग मेनका हरिसिंघानी ने की है।
“पलक कहती हैं, ”जलीय जीव अपने समुद्री घरों में सुरक्षित रहने के उतने ही हकदार हैं, जितना हम अपने घरों में सुरक्षित रहना चाहते हैं। PETA इंडिया के मेरे दोस्त और मैं हर किसी से समुद्री जीवन के प्रति रुचि रखने और केवल मछली-मुक्त भोजन का विकल्प चुनने का अनुरोध कर रहे हैं”
वैज्ञानिक इस बात की पुष्टि कर चुके हैं कि मछलियाँ भी सामाजिक जीवन जीती हैं, वह दर्द महसूस करती हैं और उनके भी दोस्त होते हैं। उनकी यादश्त लंबी होती है और उनकी भी अपनी संस्कृति है। वह समुद्री पटल पर रेत में बेहद शनदार कलाकृतियाँ बनती हैं। फिर भी हर साल अन्य सभी जानवरों की तुलना में सबसे अधिक मछलियाँ ही भोजन के लिए मारी जाती हैं। उनके गले में कांटा फसाकर उन्हें पानी से बाहर खींच लिया जाता है और फिर नोकाओं की डेक पर या सूखी सतह पर उन्हें तड़फ तड़फ कर मरने के लिए छोड़ दिया जाता है। अक्सर सचेत अवस्था में होने के बावजूद उनके शरीर के टुकड़े टुकड़े कर दिये जाते हैं।
हर साल, मछली पकड़ने का उद्योग बड़ी संख्या में गैर-लक्षित जानवरों को भी मारता है (इस उद्योग में इसे “बाइकैच” के नाम से संबोधित किया जाता है) जिनमें 720,000 समुद्री पक्षी, 300,000 व्हेल और डॉल्फ़िन, और 345,000 सील और सी लॉयन और 100 मिलियन शार्क और रेज़ शामिल हैं जो मछली पकड़ने के दौरान बायकैच के रूप में मौतों के शिकार हुए।
पलक को आखिरी बार “किसी का भाई किसी की जान” फिल्म में देखा गया और अब जल्द ही वह “द वर्जिन ट्री” में भी दिखाई देंगी।
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