PETA इंडिया की शिकायत पर लखनऊ पुलिस ने बाज़ार में छापा मारकर तोतों को बचाया, अभियुक्त गिरफ़्तार

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PETA इंडिया की शिकायत पर कार्यवाही करते हुए लखनऊ पुलिस और वन विभाग ने 12 दिसम्बर को नखखास पक्षी बाज़ार में अवैध कारोबारियों से 11 तोते बरामद किए। PETA इंडिया के प्रतिनिधियों ने पाया की तोते बहुत ही छोटे प्लास्टिक के बैग में बंद थे, जिसमे उनका दम घुट रहा था और वो एक एक सांस के लिए संघर्ष कर रहे थे। पुलिस ने वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम (WPA), 1972 की धारा 2,9,39,49,50 व 51 व पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की धारा 11(1) (E) व 11(2) के तहत प्राथमिकी रिपोर्ट दर्ज की है। तोता वन्यजीव (संरक्षण) की अनुसूची IV के तहत संरक्षित प्रजाति है और उन्हें पालतू जानवर के रूप में पकड़ना, कैद करना, व्यापार करना एक दंडनीय अपराध है।

छापेमारी के अगले दिन वन विभाग और PETA इंडिया को कोर्ट से पक्षियों को आज़ाद कराने का आदेश मिला। 13 दिसंबर को पक्षियों को उनके प्राकृतिक आवास यानि खुले आसमान में छोड़ दिया गया।लखनऊ के एडिशन डेप्युटी कमिश्नर श्री चिरंजीव नाथ सिन्हा, लोगों को पक्षी कैद न करने के संबंध में प्रोत्साहित करते हैं:

प्रकृति में, पक्षी सामाजिक गतिविधियों में लिप्त रहते हैं जैसे कि रेत से स्नान करना, लुका-छिपी खेलना, नृत्य करना, अपने साथियों के साथ घोंसला बनाना और अपने बच्चों का पालन-पोषण करना। लेकिन जब उन्हें पिंजरे में रखा जाता है, तो वही जीवंत जानवर उदास रहने लगते हैं निराश हो जाते हैं। वह इसी हताशा के चलते अक्सर खुद अपनी ही चोट से चोटिल कर लेते हैं। कुछ लोग जबरन इन पक्षियों के पर कुतर देते हैं वे उड़ न सकें, फिर भी उड़ना उनके लिए उतना ही स्वाभाविक और महत्वपूर्ण है जितना कि इन्सानों के लिए चलना जरूरी है।

 

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972, विभिन्न स्वदेशी प्रजाति के पक्षियों को कैद करने, पिंजरे में रखने और उनके व्यापार पर प्रतिबंध लगाता है और इसका पालन न करने पर तीन साल तक की कैद, 25,000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। इसके अलावा, पक्षियों को पिंजरों में बंद रखना पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 का उल्लंघन हैं, जो यह कहता है कि किसी भी जीव जन्तु को किसी ऐसे पिंजरे में रखना अवैध है जो उसके शरीर की ऊंचाई, लंबाई और चौड़ाई में पर्याप्त नहीं है व जिसमे वह जानवर सही से अपना हाथ पैर नहीं फैला सकता। पक्षी के लिए शरीर की उचित आज़ादी का मतलब खुले आसमान में उड़ना है।

लखनऊ पुलिस का धन्यवाद करें!