PETA इंडिया की अपील के बाद, Paytm Insider ने अपने प्लेटफॉर्म से जानवरों का इस्तेमाल करने वाले सर्कस के विज्ञापनों को हटा दिया है
PETA इंडिया की अपील के बाद, Paytm के टिकटिंग प्लेटफॉर्म, ‘Paytm Insider’ ने अपनी वेबसाइट से जानवरों का उपयोग करने वाले सर्कसों को हटा दिया है और PETA इंडिया को मौखिक रूप से आश्वासन दिया कि अब इस प्रकार के विज्ञापनों को इस वेबसाइट पर प्रकाशित नहीं किया जाएगा। पिछले साल अगस्त में, PETA इंडिया के साथ एक मीटिंग के बाद, BookMyShow ने जानवरों का उपयोग करने वाले सर्कस का प्रचार बंद कर दिया था।
इस साल की शुरुआत में, Paytm के ई-टिकटिंग प्लेटफॉर्म द्वारा ग्रेट जेमिनी सर्कस नामक सर्कस के टिकट बेचे गए थे, जिनके द्वारा प्रदर्शन हेतु पशुओं का अवैध प्रयोग किया जाता है। कोरबा में प्रदर्शन के दौरान सर्कस द्वारा किए गए उल्लंघनों के बारे में जानकारी प्राप्त होने के बाद, PETA इंडिया ने सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए, जानवरों को जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड (AWBI) द्वारा अपंजीकृत करतब दिखाने हेतु जबरन बाध्य करने, एवं पशु क्रूरता निवारण (PCA) अधिनियम, 1960 और भारतीय दंड संहिता, 1860 के तहत अन्य उल्लंघनों के लिए सर्कस के खिलाफ़ स्थानीय पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।
जानवरों का उपयोग करने वाले सर्कस कानूनी अनिवार्यता होने के बावजूद अक्सर स्वयं को AWBI के अंतर्गत पंजीकृत नहीं कराते हैं, हाथियारों का प्रयोग करके पशुओं को अप्राकृतिक करतब करने हेतु बाध्य करते हैं और प्रदर्शन न करने के समय उन्हें तंग पिंजरों में कैद रखा जाता है। इस प्रकार का शोषण, PCA अधिनियम, 1960 और उसके तहत बनाए गए नियमों के अंतर्गत गैरकानूनी है, लेकिन फिर भी देश भर के पशु सर्कसों में यह आम बात है।
AWBI और केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (CZA) नामक दो नियामक निकायों ने माना है कि पशु सर्कस स्वाभाविक रूप से क्रूर हैं और भारत में सर्कस में जानवरों का उपयोग प्रतिबंधित होना चाहिए। AWBI ने पशु कल्याण संबंधी चिंताओं को लेकर केंद्र सरकार को देश भर के सर्कसों में जानवरों पर प्रतिबंध लगाने वाला कानून पारित करने की सलाह दी है, और CZA ने इसी कारण से सर्कस में हाथियों के उपयोग पर प्रतिबंध के समर्थन में लिखा है। CZA के दायरे में वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत संरक्षित जंगली जानवर शामिल हैं।
PETA इंडिया द्वारा की गयी जाँचों एवं भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड द्वारा किए गए अनेकों निरीक्षणों में यह साबित हुआ है कि जानवरों का इस्तेमाल करने वाले सर्कस स्वाभाविक रूप से क्रूर होते हैं, वह जानवरों को जंजीरों में बांधकर लगातार गंदे एवं बदबूदार तंग पिंजरों में कैद रखते हैं, उन्हें पशु चिकित्सा देखभाल और पर्याप्त भोजन, पानी और आश्रय से वंचित कर उन सब चीजों से वंचित रखते हैं जो प्रकर्तिक रूप से उनके लिए जरूरी एवं स्वाभाविक हैं। उन्हें मारपीट एवं हथियारों के डर से भ्रामक, असुविधाजनक और दर्दनाक करतब करने के लिए मजबूर किया जाता है। इन्ही यातनाओं एवं कष्ठभरे जीवन के चलते यह जानवर अत्यधिक तनाव और मानसिक रूप से पीड़ित होने के व्यवहार भी प्रदर्शित करते हैं।
PETA इंडिया जानवरों के प्रति इस प्रकार का दयालु और जिम्मेदार कदम उठाने के लिए Paytm की सरहाना करती है।