PETA इंडिया की शिकायत के बाद गोरई बीच पर आयोजित घोड़ा-गाड़ी दौड़ के प्रतिभागी गिरफ्तार
PETA इंडिया द्वारा दर्ज़ कराई गई शिकायत के बाद, गोरई पुलिस ने 14 फरवरी को गोरई बीच पर सुबह तड़के आयोजित की गई क्रूर और अवैध घोड़ा-गाड़ी दौड़ के प्रतिभागियों के खिलाफ़ FIR दर्ज़ कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। PETA इंडिया को इस घटना की जानकारी एक वाइरल वीडियो से मिली थी जिसमें कुछ आदमियों को घोड़ों पर क्रूरतापूर्ण तरीके से लगाम का प्रयोग करते, उन्हें मारते-पीटते और मोटरसाइकिलों एवं गाड़ियों के शोर के बीच लगातार दौड़ने के लिए मजबूर करते देखा गया था।
मुंबई पुलिस कमिश्नर के पास आधिकारिक शिकायत दर्ज कराने के बाद, PETA इंडिया ने मुंबई जोन XI के विशाल ठाकुर नामक पुलिस डिप्टी कमिश्नर के साथ मिलकर काम किया। इस FIR को “पशु क्रूरता निवारण आधिनियम, 1960” के भाग 11(1) के अंतर्गत दर्ज़ किया गया है जिसके अनुसार किसी जानवर को मारना-पीटना और अनावश्यक दर्द देना एक दंडनीय अपराध है। ताज़ा जानकारी के अनुसार, चार अभियुक्तों को गिरफ्तार कर मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।
हमने पुलिस को लिखे अपने पत्र में बताया कि मुंबई उच्च न्यायालय के वर्ष 2015 में सुनाए गए फैसला के अनुसार मुंबई शहर में मनोरंजन-सवारी या किन्हीं भी अन्य कारणों से प्रयोग किए जा रहे घोड़ों के किसी भी तबेले के पास “मुंबई नगर निगम अधिनियम, 1888” की धारा 394 के अंतर्गत लाइसेंस नहीं है। हमने राजस्थान उच्च न्यायलाय के वर्ष 2016 में ज़ारी निर्देश का भी हवाला दिया जिसके अंतर्गत “भारतीय जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड” की सिफ़ारिशों के अनुरूप राजस्थान में तांगा दौड़ों को प्रतिबंधित कर दिया गया था। अपनी सिफ़ारिशों में AWBI ने घोड़ों को विभिन्न वाहनों के तेज़ शोर के बीच मार-पीटकर जबरन भागने के लिए बाध्य करने को क्रूर बताया था। बिल्कुल यही घटनाक्रम गोरई बीच पर आयोजित घोड़ा-गाड़ी दौड़ में भी देखा गया था।
गोरई बीच पर आयोजित घोड़ा गाड़ी दौड़ का खुलासा करने के किए मुंबई पुलिस का धन्यवाद करें