PETA इंडिया एवं स्थानीय कार्यकर्ताओं ने मिलकर ईद की कुर्बानी के लिए ले जा रहे 7 ऊंटों को बचाया
यह जानने के बाद की वाराणसी में 5 तथा जौनपुर में 2 ऊँटो को बकरीद की कुर्बानी के लिए ले जया जा रहा है तो PETA इंडिया ने अपने स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ तत्काल कार्यवाही करते हुए वाराणसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, ज़िला मजिस्ट्रेट एवं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक- कानून एवं व्यवस्था, उत्तर प्रदेश के नेत्रत्व में दबिश देकर इन सातो ऊँटो को अपने कब्जे में ले कर देखभाल केंद्र भेज दिया। जिन स्थानीय कार्यकर्ताओं ने इस पूरे रेसक्यू में एहम भूमिका निभाई उनमे कामना पांडे, स्वाति गौरव, प्रियान्शु जैन, संप्रीति दत्ता, मुकेश भाटिया तथा एडवोकेट अनुपम मिश्रा मुख्य रूप से शामिल रहे।
इससे पहले PETA इंडिया ने बकरीद से ठीक पहले भारत के समस्त राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों, पुलिस महानिदेशकों एवं समस्त पशु पालन विभागों को पत्र लिखकर भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड द्वारा दिनांक 15 जुलाई को जारी की गयी अधिसूचना का हवाला देते हुए बकरीद के दौरान जानवरों के गैरकानूनी परिवहन एवं हत्या को रोकने के लिए हर संभव उपाय करने का अनुरोध किया था।
“खाद्य सुरक्षा एवं मानक (खाद्य उत्पादक मानक एवं खाद्य योज्य) अधिनियम 2011” के अनुसार मांस के लिए केवल भेड़, सुवर, भैंस, बकरी, मुर्गी तथा मछलियों की हत्या की जा सकती है जिसका मतलब साफ है की ऊँटो की हत्या करना गैरकानूनी है। इसके अलावा “प्रीवेंशन ऑफ क्रुएलिटी टू एनिमल्स (कत्लखाना) नियम 2001” तथा “खाद्य सुरक्षा एवं मानक (खाद्य व्यापारों का पंजीकरण तथा लाइसेंसिंग) अधिनियम 2011” के अनुसार पशुओं की हत्या केवल उन कानूनन मान्यता प्राप्त कत्लखानों में ही की जा सकती है जहां बताए गए औज़ार मोजूद हों, हत्या करने के तरीकों का पालन किया जाता हो तथा हत्या से पहले जानवरों को बेहोश किया जाता हो।
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