PETA इंडिया महाराष्ट्र सरकार से अनुरोध किया की अमेरिका की तरह यहाँ भी ‘सी वर्ल्ड’ (समुद्री जीवों की प्रदर्शनी) बनाने की योजना रद्द कर दें
PETA इंडिया ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री उद्धव ठाकरे जी को एक पत्र भेजकर अमेरिका के “सी-वर्ल्ड” की तर्ज पर बन रहे “मरीन मेमल पार्क” (विशालकाए समुद्री जीव पार्क) बनाने की योजना को रद्द करने का अनुरोध किया है ।
वर्ष 2013 में जब “सी-वर्ल्ड” की तरह का पार्क की अवधारणा तैयार की जा रही थी तब उसी समय केंद्र सरकार ने एक नीतिगत आदेश जारी करते हुए कहा था –
“भारत सरकार के पर्यावरण और वन मंत्रालय ने, देश में डॉल्फ़िनैरियम की स्थापना को अनुमति नहीं देने का निर्णय लिया है। सभी राज्य सरकारों को आदेश दिया गया है कि, किसी भी व्यक्ति, व्यक्ति विशेष, संस्था, सरकारी संस्था, प्राईवेट या पब्लिक इंटरप्राईजेज़ के द्वारा यदि विशालकाय जीवों के आयात, पकड़, व्यवसाय, प्रदर्शनी या किसी भी तरह का कोई आयोजन किया जाता है तो उसे तत्काल निरस्त किया जाए।“
बंदी बनाये गए और कष्ट में जी रहे समुद्री स्तनधारियों के वैज्ञानिक आंकड़े , PETA इंडिया और अन्य समूहों ने अधिकारियों को प्रदान किए और उसके बाद यह नोट जारी किया गया था।
समुद्र में डॉल्फ़िन या अन्य विशालकाए शरीर वाले जीव एक प्रकर्तिक स्वभाव वाला जीवन यापन करते है जो प्रतिदिन लंबी दूरी तक तैरते हैं। छोटे एक्वेरियम या टैंक में कैद में रखने से यह जीव एक निश्चित जगह के अंदर लगातार गोल गोल चक्कर लगाते रहते हैं व अपने स्वभाव के अनुरूप कभी नहीं तैर पाते। उन्हें उनके परिवारों से दूर करके उनसे जबरन करतब करवाएँ जाते हैं। इसलिए उनमे से अधिकांश जीव अपने प्रकृतिक जीवन से काफी कम जीते है व जल्दी मर भी जाते हैं।
दुनिया में अनेकों देशों की सरकारों ने यह माना है कि, इस तरह के विशालकाए समुद्री जीवों को टैंक या बड़े ट्यूब में बंदी बनाकर नहीं रखा जाना चाहिए। भारत, बोलिविया, ब्राज़ील, कोस्टारिका, लक्ज़मबर्ग, नोर्वे, स्विट्जरलैंड तथा यूके ने बंदी बनाए गए विशालकाए जीवों के प्रदर्शनों पर रोक लगा दी है।
विशालकाए समुद्री जीवों की प्रदर्शनी हेतु अमेरिका में बने “सीवर्ल्ड” को बड़ी प्रतिष्ठा भरी नजरों से नहीं देखा जाता व अक्सर उसकी बहुत निंदा होती है। कंपनी के अनुसार संक्रमण एवं अस्थिपिंजर टूट जाने से अभी तक 40 बड़े जीव मर चुके हैं (अपने प्रकृतिक जीवन की तुलना में बहुत कम उम्र में) जबकि 20 गंभीर रूप से पीड़ित हैं। इसके बावजूद “सीवर्ल्ड” में डोल्फिन को जबरन नशीले पदार्थ देकर उनका प्रजनन किया जा रहा है व उन्हें “सीवर्ल्ड” के 7 छोटे टैंको में रखा जाता है।
आप @OfficeofUT को tweet कर यह बता सकते हैं कि महाराष्ट्र में बनने वाला समुद्री जीवों का पार्क अवैध, क्रूर और केंद्र सरकार द्वारा बताई गई नीति के खिलाफ होगा। सुझाव के तौर पर आप इस ट्वीट को भी इस्तेमाल कर सकते हैं-
“Respected officials at @OfficeofUT, kindly do not support the plan to set up a marine-mammal park in Maharashtra. Governments around the world are recognising that marine mammals do not belong in tanks: http://petain.vg/590 .”
“@OfficeofUT आदरणीय अधिकारी महोदय, कृपया महाराष्ट्र में समुद्री जीवों का पार्क बनाने की योजना का समर्थन न करें। दुनिया भर की सरकारें इस बात से सहमत हैं कि विशालकाय समुद्री जीव इस तरह के छोटे टैंको में नहीं रह सकते हैं: http://petain.vg/590”
दुनिया में कहीं भी हो रहे जानवरों के प्रदर्शन वाले कार्यक्रमों का समर्थन न करें और अपने दोस्तों और परिजनों को भी प्रोत्साहित करें की वो भी ऐसा ना करें।