PETA इंडिया ने मध्य प्रदेश सरकार को राज्य में चूज़ों की क्रूर एवं गैरकानूनी हत्याओं के खिलाफ कार्यवाही हेतु राजी किया
PETA इंडिया से “मुर्गी पालन केन्द्रों में अंडा न देने वाले नर चूज़ों की बेरहम हत्याओं के बारे में” पत्र प्राप्त होने के बाद मध्य प्रदेश पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. आर. के. रोकड़े जी ने तत्काल इन गैरकानूनी हत्याओं को रोकने के लिए समस्त सेह निदेशकों को एक आदेश जारी किया। आदेश में चूज़ों की क्रूर हत्याओं को रोकने के लिए मुर्गी पालन केन्द्रों को निर्देश देने का आह्वान किया है व साथ ही भारत के पशु कल्याण बोर्ड (AWBI) तथा लॉ कमीशन ऑफ इंडिया (LCI) द्वारा मान्य की गयी तकनीकों का उपयोग करने की हिदायत भी दी है। मांस एवं अंडा उद्योग में आमतौर पर, नर चूज़ों को, और अन्य कमजोर चूज़ों को, पीसकर, कुचलकर, जलाकर, डुबाकर मारा जाता है या कभी उन्हें मछलियों का भोजन बना दिया जाता है ।
PETA इंडिया ने राज्य सरकार को लिखे अपने पत्र में बताया है कि अवांछित चूज़ों को मारने के सामान्य क्रूर तरीके जाहिर तौर पर पीसीए अधिनियम, 1960 की धारा 11 (1) (L) का उलंघन करते हैं। PETA समूह ने अनुरोध किया है कि राज्य के मुर्गी पालन केन्द्रों को AWBI, लॉ कमीशन ऑफ इंडिया व विश्व स्वस्थ्य संगठन द्वारा अनुशंसित नाइट्रोजन और अक्रिय गैसों का उपयोग किया जाना चाहिए और साथ ही, सरकार चाहती है कि, अंडा उद्योग, OVO सेक्स-निर्धारण तकनीक जब भी उपलब्ध होगी तब उस तकनीक का उपयोग करे। यह नई तकनीक है, जो विदेशों में विकसित की गई और जल्द ही व्यावसायिक रूप से यहाँ भी उपलब्ध होगी, इस तकनीक के माध्यम से शुरुआती चरण में ही नर भ्रूण की जाँच के जा सकेगी व जन्मे हुए चूज़ों की क्रूर मौत न हो इस हेतु निर्णय लिया जा सकेगा।
पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्रालय द्वारा जारी बेसिक पशुपालन रिपोर्ट 2019 के अनुसार अंडा उत्पादक राज्यों में मध्य प्रदेश अग्रणी राज्य है। इसलिए यह बेहद जरूरी है की जब भी लिंग निर्धारण हेतु OYO तकनीक उपलब्ध हो उसे तत्काल रूप से यहाँ लागू किया जाये।
इससे पूर्व PETA इंडिया के अनुरोध पर उत्तर प्रदेश एवं महाराष्ट्र के पशुपालन विभागों ने अपने राज्यों में अनचाहे नर चूज़ों की क्रूर एवं गैरकानूनी हत्याओं को रोकने हेतु अपने अधीनस्त विभागों को आदेश जारी कर इस पर तत्काल रोक लगाने एवं इस हेतु भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड द्वारा मान्य तकनीकों को अपनाने हेतु निर्देशित किया है।
फ्रांस, स्विटजरलैंड और जर्मनी इन देशों ने लिंग निर्धारण तकनीक हेतु € 5 मिलियन का निवेश किया है। इन सभी देशों ने जीवित नर चूज़ों की क्रूर हत्या पर प्रतिबंध लगाने के लिए कदम उठाए हैं, जो आमतौर पर उन देशों में प्रचलित है।
हम भारत सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह भी भारतीय मुर्गीपालन व्यवसाय में मानवीय तरीकों के प्रचलन को बढ़ावा दे।