PETA इंडिया ने कानपुर चिड़ियाघर से जब्त क्रेन की रिहाई के लिए याचिका दायर की, कहा कि पक्षी को कृतज्ञता दिखाने और प्यार करने के लिए दंडित नहीं किया जाना चाहिए
PETA इंडिया ने IFS और प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्यजीव, उत्तर प्रदेश, ममता संजीव दुबे जी को विनम्र एवं भावुक अपील भेज कर अनुरोध किया है कि वह “कृपया कानपुर चिड़ियाघर से जब्त सारस क्रेन के पुनर्वास हेतु उसको पक्षियों के प्राकृतिक क्षेत्र में वापस छोड़ा जाए”।
अपील में PETA इंडिया क्रुएल्टी रेस्पॉन्स कोऑर्डिनेटर सलोनी सकारिया लिखती हैं,- “एक चिड़ियाघर, जहां ऐसे जानवर भी हैं जो किसी दूसरे जीवन के बारे में जानते ही नहीं, वे इस कारावास की जिंदगी में हताश और उदास हो जाते हैं, यह उन पक्षियों के रहने की जगह नहीं है जिसने हमेशा अपनी जान बचाने वाले इन्सानों के प्रति आभार व्यक्त किया है। कानूनी प्रक्रिया है और फिर मानवता है, और जबकि हम उत्तर प्रदेश सरकार से सहमत हैं कि घायल पक्षी के बारे में वन अधिकारियों से संपर्क करना सही प्रक्रिया होती, इस मामले में किसान मोहम्मद आरिफ ने वही किया जो उन्हें सबसे अच्छा लगा यानि घायल पक्षी को एक नया जीवन दान देना जो कि एक सरहनीय काम है जिसे सारस भूल नहीं पा रहा है।”
पत्र में कहा गया है, “श्री आरिफ ने प्रयास किया कि सारस (पक्षी) ठीक होने पर, अपनी इच्छा से कहीं भी आए-जाए, जंगल में उड़ जाए और फिर उड़कर वापिस भी आ जाए। और क्यूंकी श्री आरिफ पक्षियों से प्यार करते हैं, इसलिए वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत उन पर कार्यवाही करने की बजाय उन्हें राहत देते हुए यह परामर्श देकर एक अपवाद बनाया जा सकता है यदि दुबारा उनके सामने कोई वन्यजीव आता है तो उन्हें क्या करना चाहिए? आखिरकार, उन्होंने वन्यजीव की रक्षा की है”
सकारिया ने अंत में इस निवेदन के साथ अपने पत्र को समाप्त किया- “श्री आरिफ के इलाके में सारस कम से कम एक साल से स्वस्थ और पूरी तरह से ठीक है। यह मानने का कोई कारण नहीं है कि पक्षी वहाँ किसी तरह से खतरे में है। हम आपसे आग्रह करते हैं कि पक्षी को श्री आरिफ के क्षेत्र में वापस छोड़ दें और बस उनके साथ काम करें कि कैसे प्रकृति में सारस को बेहतर ढंग से जीवन यापन करने में मदद करें।“
PETA इंडिया जनता से अनुरोध करता है कि जिस किसी को भी यदि कोई वन्यजीव घायल या चोटिल अवस्था में मिले तो तुरंत अपने स्थानीय वन विभाग से संपर्क करे।