PETA इंडिया ने वाणिज्य मंत्रालय से भारत को वीगन भोजन और फैशन में ‘वर्ल्ड लीडर’ बनाकर किसानों की मदद करने का अनुरोध किया

Posted on by Anahita Grewal

वैश्विक बाज़ार में वीगन (पशु-मुक्त) भोजन, कपड़े, एवं अन्य सामग्री की बढ़ती मांग के बीच PETA इंडिया ने माननीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल जी को एक पत्र लिखकर उनसे भारतीय किसानों एवं उद्योगपतियों के साथ मिलकर वीगन उत्पादों का निर्माण एवं बिक्री कर इस स्वर्णिम अवसर का प्रयोग करने का अनुरोध किया है। PETA इंडिया द्वारा राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारियों को भी इस प्रकार के पत्र लिखे गए हैं। समूह के अनुसार, भारत दुनिया की सबसे शाकाहारी-हितैषी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और यह वैश्विक स्तर पर वीगन उद्योग का लीडर बनाने की गहन क्षमता रखता है। इस सकारात्मक बदलाव से पूरा विश्व पशु क्रूरता एवं पर्यावरण क्षति के बजाय उपयोगी वीगन विकल्पों को अपनाने की ओर कदम बढ़ा सकता है जिनकी अभी से बाज़ार में भारी मांग है। (वैश्विक वीगन खाद्य उद्योग के वर्ष 2026 तक US $31.4 बिलियन तक पहुंचने का अनुमान है, वर्ष 2020 में वैश्विक वीगन चमड़ा उद्योग की क़ीमत US $37.90 बिलियन लगाई गयी थी, और वीगन दूध बाज़ार की क़ीमत 12 बिलियन से अधिक हो गयी है।)

 

अपने पत्र में, PETA इंडिया ने बताया कई राज्यों द्वारा पहले से ही जानवरों, पर्यावरण एवं अपने नागरिकों के हित में कई प्रगतिशील कदम उठाए गए हैं और अब केन्द्रीय सरकार की ओर से एक एकीकृत और व्यापक योजना की ज़रुरत है। तंजावुर स्थित राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा बाजरा आधारित आइसक्रीम बनाई जा रही है, तमिलनाडु और केरल के किसान कटहल की खेती करके जो कि एक लोकप्रिय मांस विकल्प है हर वर्ष 19.8 मिलियन अमेरिकी डॉलर कमा रहे हैं; एवं मेघालय सरकार द्वारा अनानास से चमड़ा बनाने की योजना का समर्थन किया जा रहा है। भारत में आम तौर पर उगाए जाने वाले अन्य पौधे, जैसे सेब, अंगूर, नारियल और मशरूम, का भी चमड़ा उत्पादन हेतु प्रयोग किया जाता है और कानपुर की एक कंपनी मंदिर से निकलने वाले फूलों से वीगन चमड़े का निर्माण करती है। तमिलनाडु की FABORG नामक कंपनी कैलोट्रोपिस पौधों से वीगन ऊन का निर्माण कर रही है। केले और अनानास से वीगन सिल्क एवं अन्य सामग्री का निर्माण भी किया जाता है।

वीगन खाद्य पदार्थ पशु उत्पादित पदार्थों की तुलना में अधिक स्वस्थ्य होते हैं और प्रगतिशील वीगन खाद्य पदार्थों एवं कपड़ों के ज़रिये बूचड़खाने में भयानक मौत मरने वाले जानवरों की रक्षा की जा सकती है और यह उपाय जलवायु परिवर्तन की समस्या से लड़ने में भी अत्यंत सहायक है।

 

भारत को वीगन खाद्य एवं फ़ैशन उद्योग में ‘वर्ल्ड लीडर’ बनाने के लिए उद्योग मंत्रालय से मदद हेतु ट्वीट करें